प्रधानमंत्री का ब्रिटेन दौरा: अपना जूता और अपना ही सिर!
प्रधानमंत्री का ब्रिटेन दौरा: अपना जूता और अपना ही सिर!
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प्रधानमंत्री का ब्रिटेन दौरा व भारत को विकसित देशो के बराबर कद के आंकने की दहाड़. भारत के प्रधानमंत्री ने दीपावली पर लक्ष्मी जी की पूजा के तुरंत बाद ब्रिटेन का दौरा कर महारानी के साथ डिनर वह वह की संसद / सीनेट में भाषण देकर इसे ऐतिहासक बनाना चाहा और मीडिया की बेशखियो के सहारे माईक के स्पीकरों का वॉल्यूम बड़ा दहाड़ लगाई ताकि दुनिया को पता चले की हम सिर्फ 69 वर्ष में ही जाग चुके है | प्रधानमंत्री ब्रिटेन से विदेशी निवेश व तकनीक का सहयोग चाहते है व वहाँ की अरबो - खरबो वाली कंपनिया भारत में आकर निवेश करे इसलिए कम्पनियो के कर्ता-धर्ताओ को इन्डिया के बारे में अच्छे से समझाया व सरकार की तरफ से उन्हें क्या-क्या मिलेगा वो अपने साथ ले गये उद्योगपतियों को आगे कर प्रमाणिकता की गवाई भी दिलवाई | 

प्रधानमंत्री ने लन्दन के खचाखच भरे वेम्बलेर स्टेडियम में भारत की प्रगति के प्रतिक रूप में अलवर (राजस्थान) के इमरान भाई का वर्णन किया और उनके अप्प्स के बारे में बताया जिन्हे मुफ्त में मिलने के कारण भारत सरकार का शिक्षण विभाग इस्तेमाल कर रहा है | इस गौरवशाली "भारत" की गरिमा की पीठ कैसे थपथपाई व अगले दिन अखबारों एवं टी वी में दिखाई सच्चाई वाली खबरों से उमड़ - उमड़ के बहार आ गई | भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार रात करीब सवा बारह बजे पश्चिमी देश ब्रिटेन से आते टेलीकास्ट से यह का मीडिया घोर अँधेरे में ही जाग गया और बिजली के करंट लगाने की भाति इतने काले अक्षर छाप डाले ताकि साल भर में तीन फीसदी से भी कम विज्ञान की खबर के कालिख को काली स्याही से ही मिटाया जा सके | 

विज्ञान के तर्कों के आधार पर ये अन्य खबरों के साथ दुनिया के सामने वो चेहरा प्रस्तुत हो गया जिसे देख कोई भी विदेशी क्या एन आर आई भी भारत में आकर बसने की नीद में भी नहीं सोचेगा | 3 साल में 52 एंड्राइड एप्प और 100 से ज्यादा वेबसाइट तैयार करने वाले इमरान के घर 21 वी सदी में टी वी नहीं है जबकि व सरकारी कर्मचारी है कोई सामान्य आदमी नहीं है | 25 लाख से ज्यादा डाउनलोड होने वाले अप्प व उनमे से 7 अप्प ऐसे जिन्हे एक करोड़ लोग रोज देखते है ऐसे कार्य की शख्सियत रखने वाले के पास एंड्राइड फोन तक नहीं है वर्तमान में जो है वो भी जिला कलेक्टर के अहसान तले उनके पुराने टेबलेट कंप्यूटर के दान स्वरुप क्युकी खरबो के बजट वाले देश के पास ऐसी कोई स्कीम नहीं या व्यवस्था नहीं जो उसे व प्रत्येक नागरिक को सम्मान से काम व टेलेंट के दम पर दिया जा सके |

इस भारतीय चेहरे का और टेलेंट का अगला नजमा देखो वो दुनिया को बताता है की कैसे यहाँ की सरकारे व रहनुमा अजगर साँप की भांति पूरा निगल जाते है | इमरान भाई ने अपने सारे अप्प देश के बच्चो को समर्पित कर दिए जो अब मानव विकास मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड किये जाते है | 

दुनिया ने समझा भारत में ऐसी विशाल लोकतान्त्रिक व्यवस्था है जहा सब कुछ दान देने पर ही सरकारे सिर्फ अंगड़ाइयाँ लेती है | दुनिया में भारत के विकास का ब्रांड अम्बेसडर बने इमरान पर अब राज्य सरकार प्रोजेक्ट अधिकारी बनाने के डोरे से बांध रही है ताकि कोई प्राइवेट कंपनी या देश उसे खुद के बच्चो के अच्छे भविस्य के वादे के साथ अपने साथ विदेश न ले जाये |

इस सच की जड़ो में जाकर सोचो इस तरह चेहरा देखने का यह पहला उदाहरण है तो आजाद भारत में कितने होनहार अब तक मटिया मेट हो विज्ञान के मार्ग से ही आजाद हो चुके होंगे | इमरान को सिर्फ बधाईया दी, रिस्तेदारो व गाव वालो ने ख़ुशी के मरे इमरान के घर जाकर हजारो खर्च करवा के मिठाईया खाली पर यह सम्मान उसे लिखित में कोई नहीं देगा और भारत व 21 वी सदी के इण्डिया में कागज कार्यवाही के बिना कुछ संभव नहीं | 

इमरान भाई अभी प्रसन्न है परन्तु चन्द दिनों बाद अखबारों की कटिग, यु-ट्यूब की क्लिप, चेनलो की सीडी व डी वी डी लेकर घूमेंगे तो सिर्फ जुबानी बधाई से ज्यादा कुछ होगा नहीं क्यों की कानून मीडिया के कागज व वीडियो सरकारी प्रक्रिया में मान्य नहीं होते है | यदि ये अप्प दूसरे देश में बनते तो प्राइवेट कंपनी को लाखो - करोड़ो में बेचे जाते | घर व परिवार के लोगो को इमरान जैसी सख्सियत बनाने का अच्छा प्रतिसाद मिलता | वे ज्यादा संसाधन जुटा व भी अपने आत्मसम्मान के साथ अभी से ज्यादा अच्छा काम करते व आर्थिक तौर पर देश को ज्यादा देते ताकि उनके देशो के नेता दूसरे देशो में जाकर धन व आर्थिक सहयोग ना मांगे |

प्रधानमंत्री ने दुनिया को क्या बताया, इमरान भाई के इतने ऐप्प व वेबसाइट है इनका कोई पेटेंट व कॉपीराइट नहीं .... आप कॉपी करो कोई रोकने वाला नहीं टोकने वाला नहीं | ऐसे भारत में दो ढूँढोगे तो चार मिलेंगे, शहर नहीं गली -गली में मिलेंगे हमें आपसे सिर्फ तकनिकी सहयोग चाहिए सहयोग केसा आप इसे ले, पेटेंट ले, कॉपीराइट ले और हमें ही लाइसेंस पर दे क्युकी भारत बहुत बड़ा बाजार है जो आपको उसके लाइसेंस का पैसा देगा | 

तकनीक के नाम पर "विदेशी" छाप व चमक के सामने यु समर्पण अपना जूता व अपना ही सिर नहीं तो क्या है ? भारत सरकार तो मुफ्तखोर है ही जिसे हर मुद्दे पर जनता से फ्री में उपाय के नहीं आईडिया चाहिए इसके विपरीत वो उपलब्ध कानून की किताबो से ही ढूंढ़कर उपाय बताने वालो को सलाह की नाम पर लाखो / करोड़ो की फीस / मेहनताना देती है | इस हराम (मुस्लिमो की भाषा में ) व मुफ्तखोरी (हिन्दुओ की भाषा में ) को अब धीरे -धीरे विदेशियो के मुँह लगाया जा रहा है |

दिल व दिमाग नहीं धन से बड़ी - बड़ी कम्पनियाँ ईनाम व प्रतियोगता के लालच में भारतीयों से नये-नये सुझाव मांगती है और फिर हमें ही बाट मजे करती है क्यों की 250 वर्ष अंग्रेजो के गुलामी में रहने के कारण हमारे रहनुमाओ के दिमाग में इतनी घर कर चुकी है की उन्हें पूर्णतया विश्वास है की नई तकनीक सिर्फ विदेशी ही दे सकते है | 125 करोड़ के भारत वाले देश के युवाओ ने क्या सीखा होगा जब उसे हर रोज 5 - 10 मैसेज आते है की इस सन्देश को फॉरवर्ड करोगे तो इतना GB डेटा फ्री मिलेगा व इस ऐप्प को डाउनलोड करोगे या अपने मित्रो से करोगे तो 50 से 200 व 1000 रुपये तक फ्री बैलेंस मिलेगा | 

इमरान के राष्ट्र के प्रति समर्पण एवं त्याग की भावना का हम कोटि -कोटि सम्मान करते है परन्तु सिर्फ एक आदर्श से पूरी व्यवस्था व नई पीढ़ी को रसातल में नहीं जाने दे सकते है | अतुल्य भारत, शिक्षा अभियान, कॉम्मनवेल्थ गेम के प्रोमो गाने के लिए ब्रांड अम्बेसडर को करोड़ो रुपये दिए जाते है और पूरी दुनिया में भारत के चेहरे बताने के लिए "इमरान" का इस्तेमाल फिर ईनाम के तौर पर जिंदगी भर ब्रॉड-ब्राण्ड का फ्री कनेक्शन वो भी बड़े दिल की दरियादिली के साथ |

इस स्वर्णिम सम्बोधन के साथ मीडिया में नये बिहार के मंत्रियो का शिक्षा ज्ञान व उनकी जीत के फटाखो वाले शोरगुल व सेकड़ो किलोग्राम के लडुओ वाला प्रसारण व निचे पट्टी पर चलती पेट्रोल की कीमत वृद्धि, सब्जियों के भाव की सेंचुरी और सर्विस टैक्स के बढ़ते कदम की छत्र-छाया में कोनसे परिवार अपने बच्चो को "इमरान" बनाना पसंद करेगा व शिक्षा देगा बेटा भारतीय बनो व देश के लिए सब कुछ न्योछावर कर दो | नोट: - इस लेख में "प्रधानमंत्री" की बात करी है यह एक संवेधानिक पद है जिस पर वर्तमान में श्री नरेंद्र मोदी जी कार्य कर रहे है न की श्री नरेंद्र मोदी की जो प्रधानमंत्री के पद पर कार्य कर प्रत्येक माह जनता से वसूले गये टैक्स में से अपने काम के बदले पगार व सारी सुविधाएँ ले रहे है |  

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