आपातकाल के दौरान आडवाणी व फर्नांडीज को करीब से देखा था : मोदी
आपातकाल के दौरान आडवाणी व फर्नांडीज को करीब से देखा था : मोदी
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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर एक कार्यकम का आयोजन किया. इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में दोहराया की जयप्रकाश नारायण एक बढ़े ही सरल स्वभाव के व्यक्ति थे तथा उनकी आवाज हमेशा से धीमी ही रहती थी परन्तु जयप्रकाश नारायण के मन के भीतर एक उबलती हुई ज्वाला थी जो की भारत के बदलाव लाने के लिए थी तथा जयप्रकाश नारायण एक विचार में बंधे रहने वाले व्यक्ति नही थे. उन्हें दुनिया की बातो की कोई फ़िक्र नही थी.

मोदी ने इस दौरान जयप्रकाश नारायण से जुड़ा हुआ एक किस्सा सुनाया मोदी ने कहा जब देश में आपातकाल की घोषणा की जा चुकी थी उस समय में एक बस में सफर कर रहा था की एक महिला भी बस में बैठी व टिकट लिया तथा कंडक्टर ने जब उसे खुल्ले पैसे दिए तो महिला ने कहा की आप मुझे नोट बदल कर दो व इस बात पर उमने तकरार होने लगी जब मेने उस महिला से कहा की यह नोट तो एकदम ठीक है तो उस महिला ने जवाब दिया की जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के लिए दान में एक रुपया देना है इसलिए एकदम कड़क नोट चाहिए उसकी यह बात सुनकर मुझे भारत में लोकतंत्र की सबसे बड़ी प्रेरणा.

मोदी ने कहा की जेपी के आंदोलन ने देश में राजनेताओ की एक भावी पीढ़ी को जन्म दिया है. व जेपी के आंदोलन के द्वारा ही देश में  एक बड़े बदलाव को लाया जा सका. आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है. व आपातकाल से देश को बहुत ही ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा था. व मेने आपातकाल के दौरान ही आडवाणी व जॉर्ज फर्नांडीज को पहली बार बहुत ही करीब से देखा था. मोदी ने प्रकाश सिंह बादल जो की पंजाब के मुख्यमंत्री है वे भी पास ही बैठे हुए थे उनको कहा की यह भारत के नेल्सन मंडेला हैं. 

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