मोदी ने दलितों से कहा, हमारी सरकार आपकी सरकार है
मोदी ने दलितों से कहा, हमारी सरकार आपकी सरकार है
Share:

नई दिल्ली: शीतकालीन सत्र के खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार का वितीय समावेश पर मुख्य जोर है। सरकार लोगों विशेषकर पिछड़े वर्ग के सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है। मोदी अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्दमियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होने कहा कि हमारी सरकार, आपकी सरकार है। हम आपके सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे है। हमारे कामकाज के केंद्र में वितीय समावेश है।

मोदी ने कहा कि हम रोजगार सृजनकर्ता बनना चाहते है, रोजगार मांगने वाले नही। मोदी ने यह भी कहा कि दलितों के मसीहा बाबा साहेब आंबेडकर संविधान के निर्माता थे और कम ही लोग जानते होंगे कि वे एक विद्वान अर्थशास्त्री भी थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 10 साल पूरे होने के अवसर पर अंबेडकर की याद में बनी संस्था के सम्मेलन का उद्घाटन किया। पीएम ने दलितों के अधिकार का मुद्दा उठाते हुए बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने दलितों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर कहा कि अपमान क्या होता है, ये हम अच्छी तरह जानते हैं। पीएम ने कहा कि मन की बात में मैंने कहा था कि बाबा साहेब ने हमें संविधान दिया लेकिन हम 60 सालों से केवल अधिकार की चर्चा कर रहे है।

उन्होने कहा कि हमें सिर झुकाकर स्वीकार करना चाहिए कि जो लोग यहां है, उन्होने कर्म करके दिखाया है। बाबा साहेब को ये सब देखकर बेहद खुशी हो रही होगी। ये सभागार अगर एससी-एसटी के नेताओं से भरा होता तो वो खुश न होते, वो आपको देखकर खुश होंगे। सरकार की तिजोरी में आप लोग सैकड़ों करोड़ों रूपये का टैक्स देते हैं और लाखों लोगों को रोजगार देते हैं, गरीबों का पेट भी भरते हैं। आपके दर्शन करने का जो अधिकार मिला है मैं ह्रदय से अभिनंदन करता हूं।

पीएम ने कहा कि बाबा साहेब एक अर्थशास्त्री थे और रिजर्व बैंक की कल्पना की थी लेकिन दुख तब होता है जब किसी दलित को लोहे के चने चबाना पड़ता है। देश का इतना बड़ा वर्ग जो कसा हुआ है, ये वो वर्ग है, जिसने हर अपमान झेला है और कसौटी पर कसता हुआ निकला है। उसकी ताकत का एहसास है मुझे। स्टील का मूल्य लोहे से ज्यादा है। आप आत्मबल से भरे हुए है। यहां 3000 से ज्यादा दलित उद्दमी है, जो सुखद एहसास है।

कभी कभार जब हम खबरें सुनते हैं, कुछ अप्रिय हो जाए तो इंसान को लगता है कि जीना बेकार है, आत्महत्या के रास्ते पर चल पड़ते हैं। अच्छे घर के लोग भी कभी इस पर चल पडते हैं। निराशा के माहौल पर भी जीने की आस जगाने की ताकत पूरा समाज दे सकता है तो इस शक्ति को पहचाना होगा। आर्थिक पहलू से ज्यादा सामाजिक पहलू ज्यादा ताकतवर होते हैं। समाज की सदियों पुरानी दिक्कतों से निकल कर आ सकते हैं।

एससी-एसटी के लिए जो पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं उनके लिए बैंकों से व्यवस्था करने को कहा है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत समाज के इस तबके लोगों के लिए योजनाए हैं। 80 लाख लोगों को बिना गारंटी के लोन दिया गया। 50,000 करोड़ से ज्यादा लोन दिया है। इसमें एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाएं हैं। ये छोटे-छोटे उद्यमी 14 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं पर बैंक उनको लोन नहीं देते।  हमने ये व्यवस्था कराई।

पीएम मोदी ने कहा कि समाज के नीचे के तबके के लोग जब मजबूत होगा तो ही देश मजबूत होगा। ये देश के साथ कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। भारत के पास 65 प्रतिशत लोग 35 साल से कम उम्र के हैं। उनका हौसला बुलंद करना है कि वो बढ़ें और 2 लोगों को और बढ़ाएं। 10 साल की यात्रा से हमने पाया है कि देश प्रगति करेगा। आज दिल्ली में ऐसी सरकार है जो आप की सरकार है।

अपमान क्या होता है और हम जानते हैं कि इसकी चुभन क्या है। हम अच्छे कपड़े पहन कर निकल जाएं तो सामंती विचार सोचता है कि अच्छा अच्छे कपड़े पहना है और ये आज भी है समाज में। पर आपको ये बात ध्यान रखना चाहिए कि दिल्ली में आपका अपना कोई बैठा है। दलित के पास खेत नहीं है, पैसा नहीं है। अगर देश का औद्योंगीकरण होगा तो निचले तबके के लोग को रोजगार मिलेगा। हम कहते हैं बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ। तो ये हमारे ही परिवार की बेटियां हैं जिनको पढ़ना है तो हम इस पर काम करेंगे।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -