नई दिल्ली : कोई भी कंपनी अब सहारा की तरह जनता के साथ फ्रॉड करने के बारे में सोच भी नहीं पाएगी, क्यों कि मोदी सरकार जल्द ही इसके लिए सख्त कानून लेकर आने वाली है, ताकि आम आदमी के मेहनत के पैसों के साथ कोई गबन न हो। गरीबों को बैंक खाता से जोड़ने की मुहिम पीएम पहले ही चला चुके है।
ऐसी फर्जी कंपनियां जाली योजनाओं के नाम पर हरीबों से पैसा इकठ्ठा करते है और खुद बड़ा मुनाफा कमाते है। इसमें सबसे बड़ा नाम सहारा का है। जिसमें कंपनी के प्रमुख सुब्रत रॉय पर अनैतिक तरीके से लोगों का पैसा गबन करने का आरोप लगा था। इसके बाद 2014 में उन्हे जेल भेज दिया गया था।
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया था कि निवेशकों को उनका पैसा वापस किया जाए। लेकिन पैसा न लौटा पाने के कारण रॉय को जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने सहारा को 5.4 बिलियन लौटाने को कहा था। वित्त मामलों की संसदीय कमेटी के सदस्य निशिकांत शर्मा ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि ऐसे नियम बनाए जाएं जिससे भविष्य में सहारा जैसे फ्रॉड न हो सकें।
केंद्र सरकार जुलाई में इस मामले में विधेयक पेश करेगी। जिसमें कमजोर बिल को समाप्त कर नए बिल लागू किए जाएंगे। इससे गरीब लोगों के पैसे बच सकेंगे।