नई दिल्ली: हालही बजट सत्र में जारी रहे हंगामे के बावजूद विभिन्न विधेयकों के पारित होने पर लोकसभा में बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत समूचे विपक्ष को धन्यवाद दिया। वह खुद उठकर सदन में विपक्षी नेता की ओर गए। बांग्लादेश के साथ थल सीमा समझौता विधेयक पारित होने पर उन्होंने इसे भारत-बांग्लादेश संबंधों का ऐतिहासिक पल करार दिया। मोदी ने कहा कि इस विधेयक से बांग्लादेश से सीमा विवाद का स्थाई समाधान हो गया है।
इस संबंध में मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी बातचीत की। इतना ही नहीं, अब सरकार संयुक्त समिति के जरिए भूमि अधिग्रहण विधेयक को पार लगाने का रास्ता निकाल रही है। संभव है कि शुक्रवार को लोकसभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक पेश कर इसे संयुक्त समिति के हवाले कर दिया जाए और मानसून सत्र की शुरूआत में ही इसे पारित करा लिया जाए। यह रास्ता इसलिए अहम है क्योंकि इसके बाद राज्यसभा में भी विपक्ष के पास प्रवर समिति में इसे भेजने का विकल्प खत्म हो जाएगा। इस बीच, लोकसभा में भी बजट सत्र का काल 13 मई तक बढ़ा दिया गया है ताकि काला धन विधेयक समेत कुछ अन्य बिल पारित कराए जा सकें।
जबकि लोकसभा से पारित जीएसटी विधेयक सोमवार को राज्यसभा में आ सकता है। सरकार इसके लिए जरूरी नंबर जुटाने में लग गई है। यह लगभग तय हो गया है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक अगले सत्र में पारित होगा। राज्यसभा में विपक्ष के दबाव से बाहर आने के लिए ही संयुक्त समिति का रास्ता ढूंढा गया है। चूंकि लोकसभा से इसे समिति में भेजा जाएगा लिहाजा तय है कि इसमें सरकारी पक्ष के ज्यादा सदस्य होंगे और अध्यक्ष भी भाजपा से ही होंगे। जाहिर है कि बदलाव का दायरा सरकार के नियंत्रण में होगा। राज्यसभा के नियमावली के अनुसार अगर वहां फिर से समिति में भेजने का दबाव बढ़ा तो वह वापस इसी समिति में आएगा। यानी दोनों ही रूप में सरकार विपक्ष को हावी नहीं होने देगी।
बताते हैं कि जीएसटी सोमवार को राज्यसभा में आ सकता है। काला धन विधेयक, वाटरवेज समेत कुछ अन्य विधेयक पारित कराने की कोशिश होगी। इसे ध्यान में रखते हुए ही लोकसभा का सत्र भी तीन दिन के बढ़ा दिया गया है। अब लोकसभा में भी राज्यसभा के साथ ही 13 को सत्र समाप्त होगा।