दिल्ली : बेवकूफ औरतें नारायण सांई को कृष्ण समझती हैं, और इसके आसपास रहना चाहती हैं। एक बार नारायण सांई को जमानत दे दी तो उसे जेल में लाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए नारायण के मामले में फिलहाल जमानत नहीं दी जा सकती। यह बात सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने कही। नारायण सांई की ओर से न्यायालय में अपील की गई कि उसकी मां की सर्जरी के लिए उसे जमानत की जरूरत है।
तब न्यायालय के न्यायाधीशों ने इस बात पर तंज कसा और कहा कि नारायण सांई तो सभी को ठीक करता है, अपनी मांग को भी यह ठीक कर सकता है। मामले में गुजरात सरकार ने नारायण सांई की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार के अनुसार बेवकूफ औरतें सांई को भगवान कृष्ण जैसा समझती हैं।
जिसके कारण उसे जेल से लाने और लेजाने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। न्यायालय का कहना था कि जब तक उसकी मां की सर्जरी की दिनांक तय नहीं हो जाती उसे जमानत नहीं दी जा सकती। सूरत की दो लड़कियों के बलात्कार के आरोप में जेल में बंद नारायण सांई को राहत देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी लेकिन इस पर गुजरात सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में वाद दायर किया।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नारायण सांई की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसे जेल में ही रखे जाने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि नारायण सांई की गिरफ्तारी को लेकर सरकार को काफी प्रयास करने पड़े। सरकार और पुलिस को प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा वहीं नारायण सांई कई दिनों तक पुलिस से बचकर भागता रहा।
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