हर साल आने वाली नारद जयंती इस साल आज यानी 8 मई को है. आप जानते ही होंगे नारद मुनि को ब्रह्मा जी की मानस संतान माना गया है. ऐसे में यह भी सभी जानते ही हैं कि नारद जी भगवान विष्णु के परम भक्त हैं और वह संदेश का आदान-प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी पूजा विधि और भगवान विष्णु की आरती.
नारद जयंती की पूजा विधि - आज के दिन पहले स्नान करें और व्रत का संकल्प करें. अब इसके बाद साफ-सुथरा वस्त्र पहन कर पूजा-अर्चना करें और नारद मुनि को चंदन, तुलसी के पत्ते, कुमकुम, अगरबत्ती, फूल अर्पित करें. अब शाम को पूजा करने के बाद, भक्त भगवान विष्णु की आरती करें और दान पुण्य का कार्य करें. इसी के साथ सक्षम हो तो ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें कपड़े और पैसे दान करें.
भगवान विष्णु की आरती -
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥
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