साल में एक ही बार कर सकते हैं इस मंदिर के दर्शन
साल में एक ही बार कर सकते हैं इस मंदिर के दर्शन
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15 अगस्त को अज़ादी के दिन के साथ नाग पंचमी भी थी जिसे हिन्दू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है. नागों को भगवान शिव का प्रिय माना जाता है जिसे वो अपने गले में धारण करते हैं. श्रावण में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. इसके लिए नाग देवता के काफी मंदिर भी हैं जहां जा कर हम उनकी पूजा करते हैं. लेकिन एक मंदिर ऐसा है जो सिर्फ साल में एक ही बार खुलता है. जी हाँ, आइये बताते हैं इस मंदिर के बारे में क्या है इसका राज़.

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दरअसल, ये मंदिर उज्जैन में स्थित नागचंद्रेश्वर का मंदिर है जो महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है. इस मंदिर की खास बात यही है कि साल में एक ही बार खुलता है और वो भी सिर्फ नाग पंचमी के दिन. माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं. इस मंदिर को अगर आपने देखा नहीं है तो बता देते हैं ये 11 वीं शताब्दी का मदिर है जहाँ पर फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं और इस पर ये भी कहा जाता है कि इन्हें नेपाल से लाया गया है. दुनिया में कहीं भी ऐसा मंदिर नहीं है जहां पर भगवान शिव सांप पर विराजमान हैं.

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भगवान शिव के साथ सर्प शैया पर गणेशजी और मां पार्वती भी हैं और उन पर कई सांप लिपटे हुए हैं. हिन्दू शास्त्रों में लिखा है कि यहां मंदिर में दर्शन के बाद व्यक्ति का सर्पदोष खत्म होजाता है और इसी कारण मंदिर में काफी भीड़ उमड़ी है क्योंकि ये एक ही दिन के लिए खुलता है. परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के लगभग इस मंदिर का निर्माण करवाया था जिसकी परंपरा आज भी चली आ रही है.

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