नागा शांति समझोते पर पूर्वोत्तर राज्यों से ली जाएगी सलाह
नागा शांति समझोते पर पूर्वोत्तर राज्यों से ली जाएगी सलाह
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मणिपुर /नगालैंड:  भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वायदा किया कि एनएससीएन-आईएम के साथ किये गये शांति समझौते के ब्यौरे को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में पूर्वोत्तर राज्यों से सलाह भी कि जाएगी. इस मुद्दे पर विवाद के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह ने यह जानकारी दी. मणिपुर के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह और नगालैंड के मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग ने प्रधानमंत्री से अलग-अलग मुलाकात भी की. इस दौरान नगा शांति समझौते के मुद्दे पर चर्चा भी की गयी. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को सूचित किया गया है कि समझौते को अंतिम रूप देने से पहले संबद्ध राज्य सरकार से हर बात पर चर्चा होगी. नगालैंड सरकार के सूत्रों ने बताया कि जेलियांग से भी यही बात कही गयी.

उनके साथ राज्य के गृह मंत्री वाई पटटोन भी मोदी से मिले. जेलियांग ने बाद में यह बताया कि मोदी में काफी उम्मीदें व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि समझौते पर सलाह मशविरा पिछले दो महीने से चल रहा है. इस दौरान सिविल सोसाइटी और स्थानीय समूहों से विचार विमर्श किया गया था. जेलियांग नगालैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख हैं, जो राजग का घटक दल है जबकि मणिपुर में कांग्रेस की सरकार है. प्रधानमंत्री का यह आश्वासन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हमले के परिप्रेक्ष्य में आया है. सोनिया ने कहा है कि नगा शांति समक्षौते पर पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों से कोई विचार विमर्श नहीं किया गया.

मणिपुर के मुख्यमंत्री के अलावा असम और अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी सलाह मशविरा नहीं करने के लिए विरोध दर्ज कराया था. संप्रभुता की मूल मांग को कुछ साल पहले त्यागने वाले एनएससीएन-आईएम ने मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश और असम में नगा आबादी वाले क्षेत्रों के एकीकरण की मांग की है लेकिन तीनों राज्यों ने इस मांग का विरोध किया है. मणिपुर के मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की और नगा समझौते की प्रति भी मांगी, जिस पर एनएससीएन-आईएम के प्रमुख टी मुइवा और केन्द्र के वार्ताकार आर एन रवि ने दस्तखत किये हैं.

इबोबी सिंह ने गृह मंत्री से कहा कि मणिपुर की जनता समझौते का ब्यौरा जानने को भी बेताब है और उसे आशंका है कि इस समझौते से मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता पर असर पडेगा. राजनाथ सिंह ने कहा कि ये समझौता केवल खाका है और इससे पडोसी राज्यों की क्षेत्रीय सीमा पर बिलकुल प्रभाव नहीं पडेगा. राजनाथ ने मुख्यमंत्री से कहा कि समझौते को अंतिम रूप देते समय पूर्वोत्तर राज्यों की सरकारों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को नरेन्द्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि वह तीन पूर्वोत्तर राज्यों का अपमान कर रहे हैं क्योंकि समझौते पर दस्तखत से पहले उनसे कोई विचार विमर्श नहीं किया गया है.

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