भारत के वो प्रसिद्ध, अनोखे और अमीर मंदिर जहाँ जाकर मिलेगा एक अलग ही सुकून
भारत के वो प्रसिद्ध, अनोखे और अमीर मंदिर जहाँ जाकर मिलेगा एक अलग ही सुकून
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अगर आप घूमने के शौकीन हैं और धार्मिक हैं तो आप भारत जा सकते हैं। भारत ऐसा देश है जहाँ मंदिरों की कोई कमी नहीं है। यहाँ ऐसे-ऐसे मंदिर हैं जो बेहतरीन और खूबसूरत हैं। यहाँ के मंदिर में जाकर आपको एक अलग ही सुकून मिलेगा। भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। अब आज हम आपको उन्ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ जाकर आपको बहुत ख़ुशी होगी। 

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केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के नाम से मशहूर बाबा केदारनाथ मंदिर बहुत पुराना है। हालाँकि आज तक इसका कोई सटिक प्रमाण नहीं मिल पाया है, लेकिन ऐसा कहते हैं कि ये मंदिर महाभारतकालीन है, जो चार धामों में से एक है। जी हाँ और यह मंदिर 6 महीने बर्फ में ढके होने के कारण बंद रहता है।

बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड- उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का स्थायी घर माना जाता है। जी हाँ और यह मंदिर भी चार धामों में से एक है, जो 6 महीने बर्फ में ढका रहता है और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट बंद रखे जाते हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर के निर्माण को लेकर कोई खास प्रमाण तो नहीं मिला है हालाँकि ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 7वीं से 9वीं शाताब्दी के बीच हुआ है। आपको बता दें कि यहां शालिग्राम से निर्मित भगवान बद्री की मूर्ति है, जिसकी स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी।

द्वारिकाधीश मंदिर, द्वारका- गुजरात के द्वारका में स्थित द्वारिकाधीश मंदिर को जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान श्रीकृष्ण है, जिन्हें यहां द्वारका के राजा के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है यह मंदिर करीब 5000 साल पुराना है और इसका निर्माण भगवान श्रीकृष्ण के परपोते वज्रनाभ ने करवाई थी।

काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी- आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ का मंदिर वाराणसी में गंगा घाट के किनारे पर स्थित है। जी हाँ और यह मंदिर अपने इतिहास और सुंदरता के लिए जाना जाता है। कहा जाता है यह मंदिर हजारों साल पुराना है, जिसका अंतिम बार महारानी अहिल्याबाई ने जीर्णोद्धार करवाया था।

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तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम, तिरुपति- तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम एक ट्रस्ट है, जो तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन देखता है। जी हाँ और ऐसा कहते हैं यह देश का अमीर मंदिर भी है, जिसे श्रद्धालु आस्था के चलते अपने बाल भगवान को भेंट स्वरूप चढ़ाते हैं।

जगन्नाथ मंदिर, पुरी- उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर को पुरी मंदिर कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ विराजित है, जिनकी मूर्तियां अधूरी है, जो हर 12 साल में बदल दी जाती है। जी हाँ और सबसे बड़ी बात यह है इस मंदिर में बनाया जाने वाला प्रसाद आज तक कभी खत्म नहीं हुआ।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, गुजरात- कहते हैं  इस मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। जी हाँ और यह मंदिर भारत के उन मंदिरों में से एक है, जिसे सबसे अधिक बार तोड़ा गया है।

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कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी- आपको बता दें कि इस मंदिर को तंत्र विद्या का केंद्र माना जाता है। कहते हैं कि माता के मासिक धर्म के कारण इस मंदिर को महीने में तीन दिन के लिए बंद रखा जाता है।

रामानाथस्वामी ज्योतिर्लिंग मंदिर, रामेश्वरम- यह मंदिर काशी के बराबर महत्व रखता है। जी हाँ और इस मंदिर स्थापित शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कहते हैं इसी स्थान पर भगवान राम महादेव की पूजा कर लंका के लिए चढ़ाई की थी। इस वजह से भगवान राम के नाम पर ही इस स्थान का नाम रामेश्वरम और मंदिर का नाम रामेश्वरम मंदिर पड़ा।

कालीघाट काली मंदिर, कोलकाता- भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक कालीघाट मंदिर कोलकाता के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुवंतपुरम- भारत के सबसे अमीर मंदिर के रूप में प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तिरुवंतपुरम में स्थित है, जिसका जीर्णोद्धार 1733 ईस्वी में त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने करवाया था। कहा जाता है इस मंदिर भगवान विष्णु की प्रतिमा शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजित है। इस वजह से मंदिर के स्वामी को पद्मनाभस्वामी (विश्राम की अवस्था) कहा जाता है।

मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक- इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयं महादेव ने रावण को दिया था, जो इसी स्थान पर रख देने के चलते दोबारा यहां से उठाया न जा सका और यही स्थापित हो गया।

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