कोरोना के इस काल में कई लोग इसे धार्मिक रंग देने की कोशिश में लगे हुए हैं. बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी यह बयान दिया था कि समुदाय विशेष के लोगों से खरीदारी नहीं करें. अब मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से एक ऐसी ही खबर सामने आ रही है. इंदौर स्थित एक गांव में यह पोस्टर लगा है कि मुस्लिम व्यापारियों का गांव में प्रवेश निषेध है. दिग्विजय सिंह ने इस पोस्टर को शेयर करते हुए पीएम मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछे हैं.
ऐसे में सवाल ये है कि क्या वाकई इंदौर के किसी गांव में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं. दिग्विजय सिंह ने जो पोस्टर शेयर किए हैं, उसमें गांव का नाम पेमलपुर लिखा है. दिग्विजय सिंह ने लिखा कि क्या यह कृत्य प्रधानमंत्री मोदी जी की अपील के विरुद्ध नहीं है? क्या यह कृत्य हमारे कानून मे दंडनीय अपराध नहीं है. मेरे ये प्रश्न मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश पुलिस से हैं. समाज में इस प्रकार का विभाजन-बिखराख देश हित में नहीं है.
मिली जानकारी के मुताबिक यह पेमलपुर गांव इंदौर जिले में ही हैं, यह उज्जैन के बड़नगर तहसील के करीब है. बड़नगर तहसील में कोरोना का कहर ज्यादा है. यहां दर्जन से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित मिले हैं. गांव के कुछ युवक ने 3-4 दिन पहले यह पोस्टर लगाया था. लेकिन बाद में ग्रामीणों ने हटा दिया. स्थानीय लोगों के अनुसार गांव में बड़नगर से कुछ मुस्लिम सब्जी बेचने आते थे. उनमें से एक कोरोना से संक्रमित हैं. साथ ही बड़नगर में कोरोना कहर भी बरपा रहा है. ऐसे में डर से गांव के युवकों ने ऐसा कर दिया था. हालांकि ग्रामीणों ने इसे बाद में हटा दिया. हालांकि अब ये पोस्टर सियासी रंग ले लिया है. वहीं, इसकी कोई शिकायत अभी प्रशासन तक नहीं पहुंची है. अब गांव के बॉर्डर पर लगे इस पोस्टर को हटा दिया गया है. लेकिन अभी भी कुछ लोग इसे अलग रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. गांव के लोगों को गलती का अहसास हो गया है.
क्या यह कृत्य प्रधान मंत्री मोदी जी की अपील के विरुद्ध नहीं है? क्या यह कृत्य हमारे क़ानून में दण्डनीय अपराध नहीं है? मेरे ये प्रश्न मुख्य मंत्री शिवराज चौहान जा व मप्र पुलिस से हैं। समाज में इस प्रकार का विभाजन-बिखराव देश हित में नहीं है। https://t.co/rGV1qD2UXh
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 3, 2020
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