दंगों के बाद अपने गांव नहीं जाना चाहते मुस्लिम
दंगों के बाद अपने गांव नहीं जाना चाहते मुस्लिम
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बल्लभगढ़ : हरियाणा के बल्लभगढ़ के अटाली गांव में किए गए दंगों के सात दिन में पीडि़त मुस्लिम परिवार अपने गांव नहीं जाना चाहते हैं। इनका कहना है कि पहले दंगाईयों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इसके बाद यह अपने गांव लौटने को तैयार नहीं है। यही नहीं दूसरी ओर, दोनों पक्षों के मध्य किसी तरह का समझौता नहीं किए जाने के कारण प्रशासनिक रणनीति बदलने पर विचार किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार जाट और मुस्लिम समुदाय के मध्य समझौता हुआ। जिसे लेकर एक आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय ने साफतौर पर कहा कि दंगा करने वाले जाट समुदाय के लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। 

जब तक किसी भी तरह से अटाली नहीं लौटा जाएगा तब तक लोगों द्वारा एक और मांग सामने रखी जा सकती है। जिसमें कहा गया है कि मस्जिद इसी विवादित स्थान पर बनाई जा सकती है। यही नहीं उसे जलाया भी जा सकता है। दूसरी ओर जाट समुदाय के लिए यह कतई तैयार नहीं है। पुलिस प्रशासन द्वारा मामले में कहा गया है कि दंगा फैलाने के लिए लोगों को पकड़ने का प्रयास किया जा सकता है। 

दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों द्वारा कहा गया कि मुस्लिम समुदाय को साफतौर पर कह दिया गया था यही नहीं पूरे प्रयास दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की जा सकती है। दूसरी ओर पुलिस कमिश्नर सुभाष यादव द्वारा कहा गया कि इस तरह की कोशिशों को सामान्य बनाने के प्रयत्न हो रही है। दोनों ही पक्षों के बीच चर्चा जारी है। मगर मामले में चर्चा बेनतीजा रही है। दंगा पीडि़तों द्वारा बल्लभगढ़ पुलिस स्टेशन परिसर में शरण ली गई है।  

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