PM मोदी को महिलाओ ने खत लिखकर मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार का किया आग्रह
PM मोदी को महिलाओ ने खत लिखकर मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार का किया आग्रह
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नई दिल्ली : मुस्लिम महिलाओ के द्वारा लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार करने का आग्रह किया गया है. भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की महिलाओं ने पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं को इस मामले में पत्र लिखा है. इस इस पत्र में संगठन की महिलाओं ने मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार की जरूरत के बारे लिखा है.

बता दे की देशभर की मुस्लिम महिलाओ की नुमाइंदगी करने वाले संगठन के 13 राज्यों में करीब 70,000 से अधिक सदस्य हैं. इस संगठन की मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि उनके साथ लिंग के आधार पर भेदभाव किया जाता है. इस संगठन की को-फाउंडर ज़ाकिया सोमान के मुताबिक जेंडर जस्टिस हमारे संविधान की बुनियाद में है. प्रधानमंत्री को खत लिखकर हम मुस्लिम औरतों की समस्याओ को भारत सरकार के समक्ष रखना चाहते हैं.

हमने मुस्लिम महिलाओ की मांगों और उनकी इच्छाओं को देखते हुए एक मसौदा भी तैयार किया है. इन प्रावधानों को स्वीकार करने से मुसलमान औरतों को गरिमा के साथ जिंदगी जीने में मदद मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिल दवे और जस्टिस आदर्श कुमार की खंडपीठ भी नैशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को जवाब दाखिल करने के लिए कह चुकी है कि क्या इस भेदभाव को संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 के तहत मिले मौलिक अधिकारों के हनन के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए.

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