मुस्लिम महिला ने की नेताओं से तीन तलाक को लेकर अपील
मुस्लिम महिला ने की नेताओं से तीन तलाक को लेकर अपील
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लखनऊ। संसद के निम्न सदन लोकसभा में ट्रिपल तलाक को लेकर, बिल पेश किया गया था, जो कि, लोकसभा में पारित हो गया। इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया है। राज्यसभा में इस बिल को लेकर, बहस चल रही है। इस मामले में पीड़िताओं ने कहा था कि, विभिन्न नेता एकजुट होकर, राज्यसभा में तीन तलाक के बिल को पारित करवाऐं। जो लोग तीन तलाक देते हैं, उन्हें सज़ा दी जाए। तीन तलाक का मसला धर्म का नहीं है बल्कि, यह मुस्लिम महिला के सम्मान से संबंधित है। ये ऐसे लोग हैं जिनमें, सुधार नहीं हुआ है। कई ऐसी मुस्लिम महिलाऐं हैं जिन्हें तीन तलाक को लेकर, मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

वारिशा द्वारा तीन तलाक बिल का समर्थन किया है। महिलाओं का कहना है कि, यह उनके हित में है। मुस्लिम महिला वारिशा का कहना था कि, तीन तलाक बोलने वाले लोगों को सजा दी जाना चाहिए। उन्होंने, केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि, सरकार का कदम एकदम सही है। केंद्र सरकार बिल को लाने में, किसी तरह की जल्दबाजी नहीं कर रही है। जो महिला गरीब है, उसे न्याय जरूर मिलना चाहिए। विभिन्न दलों के नेताओं ने इसे पारित करने की अपील की। महिला ने कहा कि, जो भी तीन तलाक देते हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाना चाहिए।

गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट के एक साथ तीन तलाक देने को गैर कानूनी घोषित किए जाने के बाद,तीन तलाक के मामले बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं, मुरादाबाद के पाकबड़ा में शादी के 21 माह बाद पति ने कल भरी पंचायत में एक साथ तीन तलाक दे दिया। पंचायत में इस पर, सभी लोग हैरान तो हुए लेकिन, कुछ कर नहीं सके। इस मामले में चार लाख रुपये का जुर्माना भरने के आदेश जरूर दिए। तीन तलाक देने वाली महिला ने कहा कि, क्रूर लोगों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए। यह उचित नहीं है।

तीन तलाक का एक और मामला सामने आया है, जिसमें एक अन्य महिला को तलाक दे दिया गया। जानकारी सामने आई है कि, पाकबड़ा थाना क्षेत्र के समाथल गांव निवासी रईस अहमद ने बेटे मुनीर की शादी,असमोली थाना क्षेत्र के तेलीपुरा गांव निवासी जफीर की बेटी आशिया को तीन तलाक दिए जाने को लेकर, पंचायत बुलाई गई थी। पंचायत द्वारा मुनीर के परिजन पर लगभग 4 लाख रूपए का जुर्माना आरोपित किया गया था।

इस मामले में जानकारी सामने आई है कि, राज्यसभा में जब तीन तलाक बिल मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017 पेश किया गया तो कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुरादाबाद की वारिशा केस का जिक्र करते हुए सभी से इसे पास कराने की अपील की थी। तीन तलाक, के ऐसे ही कई मामले सामने आए हैं जिनमें इस तरह की बातें की जा रही हैं। मगर अब तीन तलाक को लेकर बिल पेश किया जा रहा है। मुस्लिम महिलाऐं इस बिल के समर्थन में आई हैं।

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