नई दिल्लीः देश के सबसे पुराने और विवादित मामलों में से एक अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनावई रोज सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। सुनावई के 30 दिन हो चुके हैं। मामले में एक बड़ी प्रगति हुई है। मुस्लिम पक्षकारों ने अयोध्या के विवादित स्थल पर बना राम चबूतरा को भगवान राम का जन्मस्थान मान लिया है। अब तक मुस्लिम पक्षकारों का कहना कि अयोध्या, राम की जन्मस्थली है, लेकिन जन्मस्थान कहां है, यह तय नहीं है। साथ ही मुस्लिम पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर नहीं किया गया था, बल्कि खाली स्थान पर किया गया था।
मुस्लिम पक्ष के ओर से पेश सीनियर वकील जफरयाब जिलानी ने कल यानि मंगलवार को मुख्य न्यायधीश रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष कहा कि वह यह मानते है कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है क्योंकि इसे लेकर तीन अदालती आदेश भी है और अदालती आदेश है तो हम इससे अलग कैसे हो सकते हैं। न्यायमूर्ति बोबडे ने जिलानी से प्रश्न किया कि क्या आप मानते हैं कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है? इसपर जिलानी ने बताया, इसे लेकर विवाद नहीं।
यह सभी यहीं मानते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार जन्मस्थान, अमुक स्थान से अमुक दूरी पर है, मगर अब वह स्थान अस्तित्व में नहीं है। साल 1886 में जिला जज ने राम चबूतरे को जन्मस्थान मानते हुए पहां पूजा करने की इजाजत दी थी। मगर बाद में हिन्दू, जन्मस्थान मंदिर बताते हुए भीतरी अहाते और गुंबद वाली इमारत पर दावा करने लगे। विवाद मस्जिद के भीतर अहाते को लेकर है। बता दें कि मामले की सुनवाई अगले एक महीने में खत्म होने की उम्मीद की जा रही है।
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