श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में घाटी और अन्य इलाकों में पूरे धार्मिक उमंग और उत्साह के साथ शब-ए-कद्र (अहमियत वाली रात) मनाई गई। इस दौरान मोमिनों ने मस्जिदों का रुख कर रात भर अल्लाह की इबादत की और अपने गुनाहों के लिए ऊपर वाले से माफी मांगी। श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में शनिवार रात को रमज़ान की 27वीं रात के दौरान बड़ी तादाद में लोग इबादत करने के लिए पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है कि इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, शब-ए-क़द्र की तारीख निर्धारित नहीं है क्योंकि यह रमज़ान के अंतिम 10 दिनों में, यानी 21, 23, 25, 27 या 29 वीं रात में से एक में हो सकती है। शब-ए-कद्र की रात को मुस्लमान समाज के लोग नमाज पढ़ते हैं, कुरान की तिलावत (पढ़ना) करते हैं और अल्लाह से अपने द्वारा किए गए गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं।
इन रातों में अल्लाह की इबादत करने का सबाब (पुण्य) कई वर्ष की इबादत करने के जितना ही होता है। नौहट्टा इलाके में स्थित जामिया मस्जिद के साथ ही समुदाय के लोगों ने दस्त-ए-गीर साहिब और सैयद याकूब शाह की दरगाहों का भी रुख किया। इस दौरान घाटी में भारी संख्या में मोमिनों को सड़कों से होते हुए मस्जिदों की तरफ जाते हुए देखा गया।
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