योग गैर इस्लामिक नहीं,  हजरत मोहम्मद एक महान योगी थे
योग गैर इस्लामिक नहीं, हजरत मोहम्मद एक महान योगी थे
Share:

कुछ मुस्लिम संगठनों के योग क्रियाओं पर सवाल उठाने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संगठन ने एक पुस्तक के जरिये दावा किया है कि योग किसी धर्म से नहीं जुड़ा है। प्राचीन काल में जितना यह हिन्दुओं में लोकप्रिय था उतना ही मुस्लिमों एवं अन्य धर्म के लोगों के बीच भी प्रचलित था। किताब में यहां तक दावा किया गया है कि हजरत मोहम्मद एक महान योगी भी थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने योग और इस्लाम नामक पुस्तक तैयार की है। आयुष मंत्री श्रीपाद नाईक ने एक कार्यक्रम में पुस्तक का लोकार्पण किया। इस मौके पर नाईक ने कहा कि योग को लेकर पैदा किया जा रहा विवाद बेबुनियाद है।

इस पुस्तक में जो तथ्य सामने रखे गए हैं, उससे साबित होता है कि मुसलमानों के लिए योग पराया नहीं है तथा यह कतई भी गैर इस्लामिक नहीं है। पुस्तक के लेखक डा. इमरान चौधरी एवं अभिजीत सिंह दोनों शोधकर्ता हैं। इमरान ने कहा कि यह आरंभिक कार्य है तथा वे उपलब्ध तथ्यों के आधार पर इस पर एक विस्तृत किताब लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मकसद योग को लेकर सही तथ्यों को जनता के सामने रखना है ताकि इस पर बेवजह का विवाद खत्म हो। योग गैर इस्लामिक नहीं है-पुस्तक में सवाल उठाया गया है कि यदि योग गैर इस्लामिक होता तो आज दुनिया के 46 मुस्लिम राष्ट्र इसे अपनाने को क्यों तैयार होते। 

महज ऊं के उच्चारण से योग गैर इस्लामिक नहीं हो जाता। जबकि इसके स्थान पर अल्लाह के उच्चारण का विकल्प रखा गया है। हालांकि यह दावा किया गया है कि ऊं का उच्चारण इस्तलाम में ही नहीं बल्कि सभी धर्मो में किसी न किसी रूप में होता रहा है। इसलिए यह मजहब से परे सेहतमंद रहने का मूलमंत्र है। योग नमाज और नमाज योग-पुस्तक में दावा किया गया है कि योग शब्द की उत्पति युज धातु से हुई है जिसका अर्थ है जोड़ना। योग जीवात्मा को परमात्मा से जोड़ने वाला है। इस्लाम के पांच बुनियादी तत्वों में एक नमाज भी है जो एक ऐसी ध्यान विधि है जिसमें मुसलमान खुद को अपने अल्लाह के करीब करने की कोशिश करता है।

योग भी ऐसी ही क्रिया है। नमाज एवं योग के आसनों की चित्रांकन के जरिये तुलना की गई है। इसलिए मिश्र के कई धर्मगुरुओं ने योग को इस्लामी व्यायाम करार दिया। उन्होंने योग को नमाज और नमाज को योग बताया है। महान योगी भी थे हजरत मोहम्मद-पुस्तक में हजरत मोहम्मद के जीवन का विभिन्न पहलुओं से वर्णन करते हुए दावा किया गया है कि वे महान योगी भी थे। रजनीश के हवाले से कहा गया है कि जिसने भी सत्य का साक्षात्कार किया, बिना योग के नहीं किया। चाहे वह जीसस हों या हजरत मोहम्मद या बुद्ध और महावीर।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -