जर्मनी में शरण के लिए मुस्लिम अप्रवासी ईसाई धर्म अपना रहे
जर्मनी में शरण के लिए मुस्लिम अप्रवासी ईसाई धर्म अपना रहे
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बर्लिन. विदेश जगत से खबर आ रही है की जर्मनी में शरण पाने की संभावनाओं को और पुख्ता करने के लिए मुस्लिम अप्रवासी बड़ी संख्‍या में ईसाई धर्म अपना रहे हैं। तथा ईरानी और अफगान नागरिकों ने मजबूरन बर्लिन के चर्च में अपना धर्म बदल दिया है, तथा इसके बाद अब वह दावा कर सकेंगे की अगर हमे पुनः हमारे देश भेज दिया गया तो हमारी हत्या हो जाएगी. या नही तो वहां पर हमारा दमन किया जाएगा. एक ईरानी शरणार्थी महिला ने अपने बयान में दोहराया है की हम सब में से अधिकांश लोगो ने 'ईसाइयत में विश्वास' के कारण फैसला नहीं लिया है हम तो यहां शरण मिलने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए ऐसा कार्य कर रहे हैं. 

जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल का कहना है कि यह 'भगदड़' असाधारण है और इससे यहां की सरंचना में बहुत ज्यादा परिवर्तन आ जाएगा. जर्मनी में शरणार्थियों की संख्या इस सप्ताहांत तक बीस हजार से अधिक हो गई थी. जर्मनी ने उसकी सीमा पार कर आए शरणार्थियों की रिकॉर्ड संख्‍या को देखते हुए 9 बिलियन यूरो देने का वायदा किया है. कुछ सीरियाई शरणार्थियों का कहना है की वे अपने मन में ईसाइयत धर्म के प्रति सच्चा यकीन रखते हैं और इस कारण से इसे अपना रहे हैं. बैप्टिज्म में शामिल होने वाले बहुत सारे लोग अपना सही नाम, पता नहीं बताते हैं क्योंकि स्वदेश में उनके परिजनों को प्रताड़ना झेलनी पड़ सकती है। तथा जर्मनी में मुस्लिमो शरणार्थियों को एक तीन महीनों के क्रैश कोर्स के तहत वे अपना धर्म बदल रहे है। तथा इसके लिए कोर्स के लिए बहुत से सीरियाई शरणार्थी आगे आए है.       

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