नई दिल्ली : इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक जैसे आतंकी संगठन के विरूद्ध देश का मुस्लिम समुदाय एकजुट हो गया है। मुस्लिमों द्वारा कहा गया है कि आईएसआईएस इस्लाम के प्रतीकों को गलत तरह से प्रस्तुत कर रहा है और हिंसा को सही बता रहा है मगर यह सही नहीं है। मुस्लिम संगठनों द्वारा दिल्ली, जोधपुर, कोझिकोड और लखनऊ जैसे शहरों में बैठकें आयोजित की गईं और आईएसआईएस के खिलाफ मुस्लिमों को एकजुट किया गया।
इस दौरान मुस्लिम युवकों से आईएसआईएस को बचाने की अपील की गई। यही नहीं यह भी कहा गया है कि यह संगठन गैर इस्लामिक गतिविधियों में सम्मिलित रहता है। हाल ही में एक संस्था इत्तेहादुल सुभानिल मुजाहिदीन द्वारा 20 सितंबर को आईएस आतंकवाद के विरूद्ध युवा आंदोलन किया गया।
कोझिकोड में राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। संगठन के अध्यक्ष टीपी अब्दुल्ला कोया मदनी द्वारा किया गया। अपने उद्बोधन में मदनी द्वारा कहा गया कि पश्चिम एशियाई आतंकवादी समूह अपनी विचारधारा के प्रसार के लिए प्रयास कर रहे हैं। आईएसआईएस और खिलाफत को लेकर विचारधाराओं को विकृत किया गया है।
यही नहीं इस मामले में यह भी कहा गया है कि सुन्नी और शिया कट्टरपंथियों द्वारा मुस्लिम समुदाय को विनाश की ओर ले जाया जा रहा है। हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन को लेकर कहा गया कि समूचे विश्व को आईएसआईएस के विरूद्ध एकसाथ आना होगा। यह तो इस्लाम के मूल सिद्धांतों को ही कमजोर कर रहा है। नेताओं द्वारा शांति सम्मेलन में आईएसआईएस की आलोचना भी की।