संगीत एक कला हैं जिसको सिखने से ज्यादा अपने आतंरिक मन में महसूस किया जाता हैं. देवताओं से लेकर असुरों और ऋषि- मुनियों ने भी संगीत को सर्वश्रेष्ठ पद दिया हैं. मनोरंजन का साधन हो या प्रभु की भक्ति करने का साधन, संगीत को सर्वोपरि माना जाता हैं.
वैज्ञानिक पुष्टियों के अनुसार, संगीत सुनने और रियाज़ करने से मनुष्य का मन स्थिर और तनावमुक्त होता हैं. परन्तु हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया हैं कि जो भी मनुष्य जिस तरह का संगीत सुन्ना पसंद करता हैं वह उसके व्यवहार को प्रदर्शित करता हैं.
वैज्ञानिकों के द्वारा किये गए शोध के दौरान 22 साल की उम्र के 20,000 लोगों पर किये गए रिसर्च में यह सामने आया कि एक उम्र होने के बावजूद भी हर व्यक्ति अलग प्रकार के संगीत को पसंद करता हैं और उसके पसंदीदा संगीत के भावों के अनुरूप ही उसका व्यवहार भी होता हैं.
जो व्यक्ति सरल,सुगम और दिल को सुकून पहुंचाने वाला संगीत सुनते हैं वो बहिर्मुखी व्यक्तित्व के मालिक होने के साथ ही क्रिएटिव होते हैं. जबकि ओपेरा पसंद करने वाले लोग ज्यादा कल्पनाशील होते हैं. वही ज्यादा शोर वाला म्यूजिक पसंद करने वाले व्यक्ति उग्र व्यक्तित्व के होते हैं.
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