मुंबई. गौरतलब है की 11 जुलाई, 2006 को मुंबई में कई लोकल ट्रेनों में 7 आरडीएक्स द्वारा दिल दहला देने वाले बम विस्फोट में करीब 188 लोगो की मौत हो गई थी व इससे 829 लोग जख्मी हुए थे. व विशेष अदालत तकरीबन नौ वर्षो बाद कल इस मामले में बारह दोषियों को सजा सुना सकती है. यतिन डी शिंदे जो की विशेष न्यायाधीश उन्होंने इस केस में सजा के अनुपात पर दलीलों को लेकर सुनवाई पूरी कर ली थी. तथा अभियोजन पक्ष ने अपनी मांग के तहत दोहराया था की बारह में से आठ दोषियों को मौत की सजा व चार आरोपियों को उम्रकैद की मांग को रखा था. विशेष मकोका अदालत ने इस मामले में अपना आदेश 30 सितंबर तक सुरक्षित रखा था. कोर्ट ने 13 में से 12 आरोपियों को दोषी सिद्ध किया था व एक को बरी कर दिया था. इन आरोपियों के रिश्ते सिमी से है.
इन आरोपियों पर कोर्ट ने आईपीसी, विस्फोटक अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम अधिनियम और भारतीय रेलवे अधिनियम और मकोका के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया है. व माना जा रहा है की कोर्ट इन सभी आरोपियों को मौत की सजा भी सुना सकती है. इन आरोपियों के नाम कमाल अहमद अंसारी, तनवीर अहमद अंसारी, मोहम्मद फैसल शेख, एहतेशाम सिद्दीकी, मोहम्मद माजिद शफी, शेख आलम शेख, मोहम्मद साजिद अंसारी, मुजम्मिल शेख, सोहेल महमूद शेख, जमीर अहमद शेख, नवीद हुसैन खान व आसिफ खान हैं. इन सभी आरोपियों को मकोका की धारा 3 (1) (आई) के तहत भी दोष सिद्ध हुआ है.