मैनपुरी: 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए करीब 24 साल बाद समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती एक मंच पर नज़र आए. एक जून, 1995 को गेस्टहाउस कांड के बाद सपा और बसपा गठबंधन टूटने के बाद यूपी के दोनों वरिष्ठ नेता एक साथ एक मंच पर नज़र आए.
यहां चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि ये हमारा आखिरी चुनाव है, कृपया हमको भारी बहुमत से विजयी बनाएं. उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती का स्वागत करते हुए कहा है कि हमारा भाषण आप पहले भी कई बार सुन चुके हैं, आज दूसरों को सुन लीजिए. उन्होंने बार-बार जोर देते हुए कहा है कि मैं ज्यादा लंबा भाषण नहीं दूंगा, बस हमें भारी बहुमत से जिताएं. मैनुपरी हमारा जिला है, यहां सब हमारे साथ हैं.
इस मौके पर मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह को भारी बहुमत से विजयी बनाएं. पहले से भी अधिक मतों से जिताएं. उन्होंने कहा है कि गेस्टहाउस कांड के बाद भी हमने समझौता किया है. सपा के साथ गठबंधन को लेकर मैं अब और सफाई नहीं दूंगी. पीएम मोदी की जाति पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह, पीएम मोदी की तरह फर्जी पिछड़े वर्ग के नहीं हैं. मुलायम सिंह यादव जन्मजात पिछड़े वर्ग से संबंध रखते हैं और पिछड़े समाज के वास्तविक नेता हैं.
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