भोपाल। मध्यप्रदेश में इसी महीने की 28 तारीख को विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इन सबके बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस खुलासे के अनुसार, मध्यप्रदेश के सरकारी खजाने की ज्यादातर रकम विधायकों के वेतन-भत्तों पर खर्च की गई है। यह खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ।
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आरटीआई में पता चला है कि पिछले पांच वित्त सालों में राज्य विधानसभा के 231 विधायकों के वेतन-भत्तों पर कुल 149 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं और विधानसभा में एक सदस्य मनोनीत किया जाता है। इस तरह राज्य विधानसभा में कुल 231 सदस्य हैं। आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने राज्य सरकार से सरकारी खजाने के खर्च को लेकर आरटीआई में जानकारी मांगी थी। उनकी इस आरटीआई पर राज्य प्रशासन ने तीन नवंबर को जवाब भेजा, जिसमें बताया गया है कि अप्रैल 2013 से सितंबर 2018 तक विधायकों के वेतन-भत्तों पर कितना खर्च किया गया।
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आरटीआई में बताया गया है कि विधानसभा सदस्यों के वेतन पर इस अवधि के दौरान 32.03 करोड़ रुपये खर्च किए गए, वहीं विधायकों के भत्तो पर 117 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसमें यात्रा भत्ते के रूप में 34.03 करोड़ रुपये खर्च किए गए। आरटीआई से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार, 2017-18 में विधायकों के वेतन पर औसतन 14.48 लाख रुपये खर्च हुए, जबकि लगभग इतनी ही राशि उनके भत्तों पर भी खर्च की गई।
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बता दें कि मध्यप्रदेश में प्रत्येक विधायक को 30000 रुपये वेतन के तौर पर दिए जाते हैं, वहीं हर विधायक को 35000 रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता दिया जाता है, वहीं 10 हजार रुपये की लेखन सामग्री और 15000 रुपये कम्प्यूटर आॅपरेटर भत्ता दिया जाता है। इसके साथ ही कई और भत्ते भी दिए जाते हैं।
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