भगवान शिव के पसीने से पैदा हुई माँ नर्मदा, जानें पूरी खबर
भगवान शिव के पसीने से पैदा हुई माँ नर्मदा, जानें पूरी खबर
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हिन्दू धर्म में माँ नर्मदा की बहुत मान्यता है श्रद्धालु लोग नर्मदा में स्नान करने के लिए दूर दूर से आते है. ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा, अमावस्या के दिन यहाँ भक्तों की अधिक भीड़ देखने को मिलती है. ऐसा माना जाता है कि नर्मदा में स्नान करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. सारे रोग मिट जाते है पुराणों के अनुसार नर्मदा के बारे में एक बात जानकर आप भी हैरान हो जायेंगे. ऐसा कहा गया है कि जो लोग नर्मदा की भक्ति करते है तथा उनका नाम लेते है उन्हें सांप नहीं काटता, बल्कि भाग जाता है. पुराणों में नर्मदा की उत्पत्ति के पीछे एक कहानी है जो इस प्रकार है.

एक बार की बात है जब भगवान भोलेनाथ लोक-कल्याण के लिए तपस्या करने मैकाले पर्वत पहुंचे तो भीषण गर्मी के कारण उनके शरीर से कुछ पसीने की बूँद गिरकर उसी पर्वत पर जा गिरी जिसके कारण वहां पर एक कुंड का निर्माण हुआ, इसी कुंड में एक छोटी सी बालिका का जन्म हुआ अर्थात (उत्पन्न) हुई.

जो शांकरी और माँ नर्मदा के नाम से जानी जाती है भगवान भोलेनाथ के आदेशानुसार वह एक नदी के रूप में देश के बड़े भू भाग में राव (आवाज़) स्वतः ही प्रभावित होने लगी. मैकाले पर्वत पर अवतरित होने के कारण वह मैकाले सुता भी कहलाई. तभी से माँ नर्मदा का इस पृथ्वी पर निर्माण हुआ और तभी से माँ नर्मदा के लिए लोगो के मन में भक्ति भाव का आवरण हुआ. 

 

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