मच्छरों का ख्याल आते ही दिमाग में मलेरिया और डेंगू जैसे गंभीर रोग याद आ जाते है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोग मच्छर के कारण ठीक से सो नहीं पाते है. कुछ लोग यह भी कहते है कि इस समस्या से निपटने के लिए ऐसी दवाई बना देनी चाहिए, जिससे सारे मच्छर खत्म हो जाए.
किन्तु साइंटिस्ट ने इस बारे में बताया कि मच्छरों का हमारे इकोसिस्टम में क्या रोल है और ये पूरी तरह खत्म हो जाते तो वातावरण पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. अगर मच्छरों को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए तो जीव प्रजातियों के खान-पान पर बुरा असर पड़ेगा. यदि मच्छरों को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए तो उनके जीवन पर संकट मंडराने लगेगा. मच्छरों की प्रजाति खत्म करने की तुलना में बीमारियों को एक से दूसरे में फैलाने की उनकी क्षमता को खत्म करना ज्यादा कारगर और प्रभावी तरीका है. इससे इंसानों को फिर मच्छरों से कोई नुकसान नहीं होगा.
आपको बता दे, छोटी मछलिया मच्छरों को भोजन के रूप में ग्रहण करती है, कई तरह के पक्षी, मेंढक और कीड़े मकोड़े भी मच्छरों को खा कर जिन्दा रहते है. पूरी दुनिया में मच्छरों को हजारो प्रजातियां में से कुछ ही ऐसी प्रजातियां है जो बीमारिया एक जगह से दूसरी जगह फैलाती है.
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