नई दिल्ली: कोरोना महामारी के संकट काल में प्रवासी मजदूरों की दयनीय हालत पर काफी हंगामा हुआ था. बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से संसद में इस मुद्दे पर जवाब दिया गया. एक सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया है कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के समय लगभग एक करोड़ लोग अपने घर पहुंचे थे. दरअसल, राज्यसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव ने सवाल किया कि कोरोना संकट के कारण असंगठित क्षेत्र में कितने मजदूर बेरोजगार हुए, सरकार के पास इसका आधिकारिक आंकड़ा क्या है?
इस सवाल के जवाब में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि यह वास्तव में चिंता का विषय है, हम लोगों ने जो जानकारी एकत्रित की है, उसके अनुसार, लगभग एक करोड़ मजदुर दूसरे राज्यों से अपने गृह राज्य आए हैं. इनमें से ज्यादातर वापस भी लौट गए हैं, बाकी भी स्थान पा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के समय मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया था. अचानक लॉकडाउन लगने की वजह से लाखों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपनी-अपनी जगह पर फंस गए थे. इस दौरान बड़ी तादाद में मजदूर सड़कों पर ही पैदल निकल गए थे.
हालांकि, काफी समय के बाद भारत सरकार की तरफ से अलग-अलग इलाकों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं. जिनमें प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्यों में भेजा गया था. मौजूदा वक्त में काफी बड़ी संख्या में मजदूर वापस अपने काम वाले स्थान पर पहुंच गए हैं.
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