इन दिनों देशभर में बने हुए चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक पार्टियों के बड़े-बड़े नेता दलित परिवारों के यहां भोजन करने पहुँच रहे है. इसे में जाने माने धार्मिक कथावाचक मोरारी बापू ने भी राजनितिक पार्टियों के लिए एक बयान जारी किया है. उनका कहना है कि दलितों के घर खाना-खाने से कुछ नहीं होगा अगर कुछ करना ही चाहते हैं तो दतिलों की लड़की से शादी करें. मोरारी बापू झारखंड के जमशेदपुर में रामचरित मानस सत्संग में मौजूद थे.
सत्संग के दौरान मोरारी बापू ने कहा कि, 'किसी दलित के घर एक वक्त का भोजन करने से कुछ नहीं बदलने वाला है. जातिगत उत्थान करना है तो उनकी बेटी से विवाह करो. रोटी-बेटी का संबंध करो, तभी कल्याण होगा.' मोरारी बापू का कहना है कि, 'इन दिनों राजनीतिक दलों में दलितों के घर खाना खाने की नई परंपरा शुरू हो गई है. फैशन चल पड़ा है. मैं इस परंपरा का विरोधी हूं.'
आपको बता दें कि मोरारी बापू के अलावा केंद्र सरकार के लोगों ने भी इस नए ट्रेंड का विरोध जताया है. दरअसल खुद पीएम मोदी ने भाजपा के सभी सासंदों, विधायकों और मंत्रियों को यह निर्दश दिया है कि वो अपने-अपने क्षेत्र में एक दलित के घर जाएं और ना सिर्फ वहां चौपाल लगाएं बल्कि दलित के घर भोजन भी करें.
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