Sep 05 2015 12:08 PM
मानसून सीजन को लगातार तीसरा महीना भी समाप्त होने को आया है लेकिन अभी तक बारिश में 12 फीसदी की औसत कमी बनी हुई है और इसे किसानों के लिए एक बड़ी समस्या होना भी बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि यह ना केवल किसानों के लिए बल्कि सरकार के लिए भी एक चिंता का विषय है. क्योकि यदि मौसम का आलम ऐसा ही बना रहा तो इससे फसल की पैदावार भी कम होगी और इसके साथ ही एग्रीकल्चर ग्रोथ पर भी इसका खासा असर पड़ेगा. ना केवल इससे किसानों की आय प्रभावित होगी बल्कि उपभोग में भी गिरावट आना तय है.
गौरतलब है कि केवल पश्चिमी राजस्थान और पश्चिम बंगाल में ही इस साल बारिश अच्छी हुई है. इसके साथ ही GDP भी इस साल 7 फीसदी पर आकर ठहर गया है जोकि पिछले साल 7.5 फीसदी रहा था. कहा जा रहा है कि इसका असर अब अर्थव्यवस्था पर क्या होगा यह देखना है. गौरतलब है कि मानसून का सीधा संबंद्ध कृषि उत्पादन से है, यदि बारिश अच्छी होती है तो मुनाफा अच्छा होता है लेकिन यदि बारिश कम होती है तो कृषि उत्पादन में गिरावट आती है.
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