इस पवित्र जगह की परिक्रमा से मिलता है मोक्ष
इस पवित्र जगह की परिक्रमा से मिलता है मोक्ष
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मरने के बाद हर इंसान मोक्ष की प्राप्ति करना चाहता है और इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए वह अपने जीवन में ऐसे काम करने की सोचता है जिससे उसे मरने के बाद मोक्ष मिले. भारत में ऐसे कई स्थान है जो ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है यहां के मंदिरों का इतिहास किसी चमत्कार से कम नहीं होता है और कई तीर्थ स्थान व मंदिर ऐसे है जिनके रहस्य आज तक कोई जान नहीं पाया है इन्ही रहस्यमयी मंदिरों में एक स्थान ऐसा भी है जो विश्व प्रसिद्ध है जिसे सभी कैलाश पर्वत के नाम से जानते है. कैलाश पर्वत हिन्दुओं की आस्था का मुख्य केंद्र है जो भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है. कैलाश पर्वत के विषय में ऐसी मान्यता है कि यह बहुत सी अलौकिक शक्तियों का निवास स्थान भी है. इसे पृथ्वी का केंद्र बिंदु भी कहा गया है.

आज तक कैलाश पर्वत की चढ़ाई कोई भी नहीं कर पाया है इस विषय में माना जाता है कि भगवान शिव कैलाश पर्वत पर हमेशा ध्यान की मुद्रा में रहते है इसी वजह से कोई भी व्यक्ति कैलाश पर नहीं चढ़ पाता है. एक बार रूसी पर्वतारोही ने कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की थी किन्तु जैसे ही वह पर्वत के समीप पहुंचा उसे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई जिसके कारण उसे लगा कि उसे इस पर्वत पर नहीं चढ़ना चाहिए इसके मन में पर्वत पर नहीं चढ़ने के ख़याल से ही इसके दिल की धड़कन सामान्य हो गई.

कैलाश पर्वत के विषय में मान्यता है कि इस पर्वत पर कोई भी अपवित्र आत्मा नहीं चढ़ सकती. यह अलौकिक शक्तियों का प्रवाह है जहाँ ध्वनि तरंग और प्रकाश तरंग मिलकर ॐ की ध्वनि उत्पन्न करते है इस पर्वत की 52 किलोमीटर की एक परिक्रमा व्यक्ति के एक जीवन चक्र के बराबर होती है जो व्यक्ति इसकी 108 परिक्रमा करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

 

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