कोलकताः हरियाणा में जाटो द्वारा आरक्षण को लेकर चल रहे आन्दोलन ने आज हरियाणा को नही बल्कि पूरे देश को हिला दिया है। जिस तरह से आंदोलन में जाट रास्ता अपना ना रहे उससे ऐसा लग रहा कि जल्द ही केंद्र सरकार को फैसला ले लेना चहिए। अन्यथा आगे यह आंदोलन जारी रहा तो कई समस्या उत्पन्न हो सकती है। वही आन्दोलन को देखते हुए आरएसएस के प्रमुख भागवत ने सोमवार को कोलकता के 'चैबर आॅफ काॅमर्स' मे कहा कि आरक्षण की पात्रता पर हमें फैसला कर लेना चहिए। फैसला करने के लिए हमें गैर-राजनीति समिति का गठन करना चहिए। तकि कोई निहित स्वार्थ शमिल न हों
और बताया कि आज देश के हर राज्य में इस तरह के मामले आने लगें है। लोग अब अपना हक मागने लगें है। आरएसएस प्रमुख से जब यह पूछा गया कि समाज में सबके लिए बराबरी का मोका देना जरूरी है। या समान अवसर देना सही होगा? मोहन जी ने कहा कि यदि कोई व्यकित किसी खास जाति में जन्म लेता है तो उसमें उसकी गलती नही उसे बराबरी का मोका देना चहिए।
लेकिन किसी खास जाति में जन्म लेने के कारण किसी व्यकित को मोका ना मिले। ऐसा नही होना चहिए। नही तो यह समस्या कभी खतम नही हो सकती है। जाति के अधार पर हम किसी का आरक्षण तय नही कर सकते है। सभी व्यकित को बराबर का हक मिलना जरूरी है। और मोहन जी ने कहा कि हमें एक योजना तैयार करनी पड़गी और किस वर्ग को आगे लाया जाए और उन्हें कब तक आरक्षण दिया जाए यह समिति तय करेगी।