मोहन भागवत ने किया सामवेद के पहले उर्दू अनुवाद का विमोचन, बोले- 'भगवान तक पहुंचने के रास्ते अलग, लेकिन...'
मोहन भागवत ने किया सामवेद के पहले उर्दू अनुवाद का विमोचन, बोले- 'भगवान तक पहुंचने के रास्ते अलग, लेकिन...'
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मुंबई: शुक्रवार को सामवेद का उर्दू अनुवाद लॉन्च करने के लिए आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- ‘लोगों के पास भगवान तक पहुंचने के अलग-अलग तरीके हैं, मगर  भगवान एक है। इसलिए हमें अलग तरीकों को लेकर नहीं लड़ना चाहिए तथा अपनी आंखों को बस मंजिल पर लगाए रखना चाहिए।’ भागवत ने भगवान तक पहुंचने के विभिन्न तरीकों के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “सबका ज्ञान सत्य है।”

वही इस अवसर पर मोहन भागवत ने अलग-अलग लोगों के बारे में एक कहानी सुनाई जो एक पहाड़ी पर चढ़ते हैं तथा दूसरे के बारे में बात करते हुए गलत मार्ग अपनाते हैं। हालांकि, जो पहले शिखर पर पहुंचा, उसने पाया कि सभी अलग-अलग मार्गों से एक ही स्थान पर पहुंच रहे थे। लाल किले में जियो जागो फाउंडेशन द्वारा आयोजित समारोह में भागवत ने कहा, “इस सच्चाई को जानते हुए, स्वयं को विभाजन पैदा करने वाली सभी ताकतों से बचाते हुए हमें वेदों के जरिए से ज्ञान को आत्मसात करना होगा।”

RSS से जुड़े राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की तरफ से प्रकाशित पुस्तक के विमोचन के पश्चात् संघ प्रमुख ने कहा, “पूरी दुनिया आज संघर्ष में है। क्या निदान है? मानव जाति को अपनी सोच बदलनी होगी। हमें समझना चाहिए, हमारे तरीके अलग हो सकते हैं, मगर हमारी मंजिल एक ही है। आइए मंजिल को देखें और उस तक पहुंचने के तरीकों पर न लड़ें। यह वह सच्चाई है जो भारत को दुनिया को देनी है।” मोहन भागवत द्वारा विमोचित पुस्तक हिंदुओं के 4 वेदों में से एक सामवेद का पहला उर्दू अनुवाद है। यह अनुवाद पटकथा लेखक तथा फिल्म निर्माता इकबाल दुर्रानी ने किया है। पुस्तक के लॉन्च में कई हिंदू विचारक जैसे RSS के नेता राम लाल, मुस्लिम विचारक उमर इलियासी, जैन संत लोकेश मुनि और विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम में अभिनेता सुनील शेट्टी, मुकेश खन्ना, गजेंद्र चौहान एवं जया प्रदा भी सम्मिलित हुए।

वही अपने संबोधन में मोहन भागवत ने लोगों के एक समूह के बारे में एक और कहानी सुनाई, जिनकी पूजा के सभी तरीके अलग-अलग थे, मगर वे सभी एक सुखी और समृद्ध जीवन जी रहे थे। उन्होंने बोला कि उन सभी ने एक बुद्धिजीवी से मिलने का निर्णय लिया एवं उनसे पूछा कि किसकी पूजा का तरीका सबसे अच्छा है, किसका ईश्वर सही है। बुद्धिजीवी ने उन्हें बताया कि प्रार्थना के सभी तरीके अच्छे हैं तथा सभी को उनका ईमानदारी से पालन करना चाहिए, मगर याद रखें, आप जिसकी प्रार्थना करते हैं वह इन सबसे बड़ा है। वह पूर्ण है। प्रार्थना के हर तरीके का सम्मान करें। लोग कई प्रकार उसकी पूजा करते हैं, मगर वह एक ही है। भागवत ने कहा कि मुद्दा सच्चाई के रास्ते पर चलते रहने का है। उन्होंने कहा, “हमें यह समझना चाहिए कि हमारे पास जो विविधता है वह सब एक (सर्वशक्तिमान) द्वारा एकजुट है। वह वह है जो सभी के जीवन को चलाता है।” RSS प्रमुख ने जाति के मुद्दे पर भी परोक्ष तौर पर चर्चा की। उन्होंने एक कहानी के माध्यम से बताया कि किसी व्यक्ति का चरित्र उसके जन्म से नहीं बल्कि सच्चाई के प्रति उसकी प्रतिबद्धता से निर्धारित होता है।

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