style="text-align: justify;">भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के समापन पर गुरुवार को स्वदेश रवाना हुए। मोदी ने नौ अप्रैल को फ्रांस से अपने नौ दिवसीय यात्रा की शुरुआत की थी। इसके बाद वह जर्मनी और फिर कनाडा पहुंचे थे। उन्होंने कनाडा के ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर शहर का दौरा किया। मोदी ने वैंकूवर में खालसा दीवान गुरुद्वारा और लक्ष्मी नारायण मंदिर का दौरा किया।
उनके साथ उनके कनाडाई समकक्ष स्टीफन हार्पर भी मौजूद थे। खालसा दीवान सोसायटी का यह गुरुद्वारा वैंकूवर के दक्षिणी छोर पर स्थित है। मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में मोदी समर्थक एकत्रित हुए। मोदी ने गुरुवार को गुरुद्वारे में कहा, "हमें जीवन को मानवता के रंगों से भरना चाहिए और मानवता की सेवा करनी चाहिए।" खालसा दीवान सोसायटी एक ऐतिहासिक सिख सोसायटी है।
इसके एक अधिकारी ने कहा कि मोदी इस गुरुद्वारे का दौरा करने वाले भारत के तीसरे प्रधानमंत्री हैं। इससे पूर्व भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1949 में और इंदिरा गांधी ने 42 साल पहले इसका दौरा किया था। मोदी ने बताया कि वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने राज्य के लखपत इलाके में स्थित एक गुरुद्वारे का सौंदर्यीकरण करवाया था। उन्होंने कहा, "लखपत स्थित गुरुद्वारा वर्ष 2001 में आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था। इसकी सफलतापूर्वक मरम्मत करा ली गई है।
इस गुरुद्वारे में गुरु नानक 15 दिनों तक ठहरे थे।" वहीं, लक्ष्मी नारायण मंदिर में मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री हार्पर और कनाडा वासियों को उनका गर्मजोशी भरा स्वागत एवं मेहमाननवाजी करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने वहां जुटे लोगों से प्रकृति के साथ तालमेल बिठाते हुए जीवन जीने का आग्रह किया। मोदी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने हाल में भारत के संकल्प के बाद 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपना लिया है।
उन्होंने कहा कि योग विश्व को आधुनिक जिंदगी के तनाव से निपटने में मदद करने की ताकत रखता है। मोदी ने लोगों से इस संदेश का प्रसार करने का आग्रह है। मोदी एवं हार्पर ने कोमगता मरू संग्रहालय का भी दौरा किया।