मोदी सरकार ने प्रस्ताव किया है कि नियोक्ताओं को घर पर प्रवासियों के प्रवास के लिए भुगतान करना होगा, जो एक ट्रेन (सेकंड क्लास स्लीपर के नीचे नहीं), बस या परिवहन के अन्य साधनों, वर्ष में एक बार हो सकता है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा प्रकाशित श्रम कानूनों के नए मसौदे के अनुसार, नियोक्ता अंतर-राज्य प्रवासी श्रमिकों को घर वापस आने के लिए हर साल एकमुश्त राशि का भुगतान कर सकते हैं। लाभ उठाने के लिए पूर्ववर्ती वर्ष में कम से कम छह महीने के लिए उस विशेष स्थापना के लिए काम करना चाहिए था।
इसके साथ ही मसौदे में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर स्थापित करेगा। ठेका मजदूरों के संबंध में, मसौदा प्रस्ताव करता है कि एक ठेकेदार मजदूरी की अवधि तय करेगा जो एक महीने से अधिक नहीं होगी। ठेकेदार मजदूरी अवधि के दिन के बाद सातवें दिन के अंत से पहले मजदूरी का भुगतान करने के लिए बाध्य हैं। इसका भुगतान बैंक ट्रांसफर या इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से ही किया जाना है।
मसौदा यह भी कहता है कि कंपनियों को 45 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक श्रमिक के लिए वार्षिक नि: शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण करना होगा। इसमें यह भी कहा गया है कि लाइसेंस के लिए एक एकल इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण कंपनी द्वारा स्थापित किया जाएगा।
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