नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए नया कानून बनाने की तैयारी कर रही है और इसके लिए राष्ट्रीय गंगा नदी पुनरुद्धार, संरक्षण एवं प्रबंधन विधेयक के ड्राफ्ट पर कार्य जारी है। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा नदी के संरक्षण के लिए प्रस्तावित कानून के ड्राफ्ट पर काम जारी है।
इस बारे में विभिन्न मंत्रालयों, संबंधित प्राधिकार एवं विभागों के साथ मंथन कर प्रतिक्रिया ली गई है। उन्होंने बताया कि अब इन मंत्रालयों एवं विभागों की टिप्पणियों को समाहित कर फिर से ड्राफ्ट को अमली जामा पहनाया जा रहा है। इसके बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। पूर्ववर्ती जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने जुलाई 2016 में गंगा की निर्मलता और अविरलता को बरक़रार रखने के लिए इस बिल के मसौदे को तैयार करने के लिए जस्टिस (सेवानिवृत्त) गिरिधर मालवीय के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था। समिति ने इस बिल का ड्राफ्ट 12 अप्रैल 2017 को मंत्रालय को सौंप दिया था।
मालवीय ने इस बारे में मौजूदा स्थिति के बारे में सवाल किए जाने पर से कहा कि, ‘मैंने ड्राफ्ट सौंप दिया था और उसके बाद मुझे मालूम नहीं है कि स्थिति क्या है। इस सम्बन्ध में मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई है कि क्या उस ड्राफ्ट में कोई परिवर्तन किया गया है।’
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