नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को पेश करेंगी. चुनावी परिणाम के ठीक बाद के इस बजट से प्रत्येक वर्ग के लोगों को बहुत उम्मीदे हैं. विशेष तौर पर मिडिल क्लास टैक्स स्लैब में परिवर्तन की उम्मीद कर रहा है. दरअसल, लोकसभा चुनावों से पहले अंतरिम बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 5 लाख तक की वार्षिक आमदनी करने वाले नौकरी पेशा को कर मुक्त कर दिया था लेकिन स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था.
ऐसे में मोदी सरकार के सत्ता में वापसी करने के बाद टैक्स स्लैब में परिवर्तन की उम्मीद की जा रही है. उम्मीद इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने आगे टैक्स स्लैब में परिवर्तन का संकेत दे दिया था. पीयूष गोयल ने 5 लाख तक की आमदनी को कर मुक्त करते हुए कहा था कि यह ट्रेलर हैं, जब पूर्ण बजट जुलाई में पेश होगा तो उसमें मिडिल क्लास का ध्यान रखा जाएगा. जानकारों की मानें तो 5 जुलाई को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टैक्स स्लैब में परिवर्तन के साथ इनकम टैक्स निवेश छूट सीमा को भी बढ़ा सकती है.
अभी निवेश पर 1.50 लाख रुपये की रियायत है. अगर ये परिवर्तन होते हैं तो देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स को लाभ मिलेगा. अंतरिम बजट से पहले अभी केवल 2.5 लाख तक की वार्षिक कमाई वाले लोग टैक्स स्लैब से बाहर थे. वहीं 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की वार्षिक कमाई करने वाले लोग 5 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में आते थे.
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