नई दिल्ली: सभी अनुमानों को हैरान करते हुए पूर्व विदेश सचिव को सीधे कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया। 2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी अरबन हाउसिंग और एविएशन जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय हरदीप पुरी को देने के बाद पीएम मोदी ने साबित कर दिया है कि 'सीएम मोदी' के रूप में जो सफल नुस्खा अपनाया था, उसे वे दिल्ली आकर दूसरे कार्यकाल में भी जारी रखेंगे। पीएम मोदी हमेशा मजबूत ब्यूरोक्रेसी और उन्हें पूरी स्वतंत्रता के साथ काम करने वाले पहले सीएम और अब पीएम के रूप में पहचाने जाते रहे हैं।
पीएम मोदी की टीम में इस बार मंत्रालय या स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों में जो ब्यूरोक्रेसी बैंकग्राउंड के हैं, उसमें हरदीप पुरी और जयशंकर के अलावा आर के सिंह भी हैं। इसी तरह पंजाब सरकार में पूर्व नौकरशाह रहे सोम प्रकाश को भी जगह दी गई है। दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद मोदी सरकार ने अपना कैबिनेट भी खड़ा कर लिया। अब नंबर है अपने साथ काम करने वाले अधिकारियों की टीम नियुक्त करने का। कैबिनेट सेक्रेटरी पी.के. सिन्हा 15 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्हें पहले भी दो बार इस पद पर एक्सटेंशन मिल चुका है।
सूत्रों के अनुसार अब राजीव गौबा इस पद पर चुने जा सकते हैं। वहीं, अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के पद पर कायम रह सकते हैं। पीएम मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का भी कार्यकाल पूरा होगा। उन्हें दूसरा कार्यकाल मिलेगा या नहीं यह अगले कुछ दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। इसके साथ ही रॉ और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के चीफ के पद को भी तुरंत भरना होगा। अगले सप्ताह ब्यूरोक्रेसी में बड़ा परिवर्तन भी होने की उम्मीद है जिसमे डेढ़ दर्जन से ज्यादा सेक्रेटरी बदले जा सकते हैं।
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