जानिए क्या है NPR ? जिसके लिए सरकार खर्च कर रही 8,700 करोड़ रुपये
जानिए क्या है NPR ? जिसके लिए सरकार खर्च कर रही 8,700 करोड़ रुपये
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नई दिल्ली: पीएम मोदी के कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने को स्वीकृति दे दी है। इसके तहत पूरे देश के नागरिकों का डेटाबेस बनाया जाएगा। हालांकि यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा। इसका उपयोग सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए करती है। मंत्रिमंडल ने इस पूरी कवायद के लिए 8,700 करोड़ रुपये के बजट आवंटन को भी मंजूरी दे दी है।

2021 की जनगणना से पहले 2020 में ही NPR को अपडेट कर दिया जाएगा, इससे पहले 2011 की जनगणना से पहले 2010 में भी NPR को अपडेट किया गया था। असम को छोड़कर सभी प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल, 2020 से सितंबर, 2020 तक  राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने का कार्य पूरा किया जाएगा।

राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर (NPR) के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए पूरे देश में घर-घर जाकर जनगणना की कवायद है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना इस रजिस्टर का मुख्य उद्देश्य है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक ब्यौरा भी होगा। इसमें शख्स का नाम, पता, शिक्षा, पेशा जैसी सूचनाएं रिकॉर्ड की जाएंगी। NPR में दर्ज जानकारी लोगों द्वारा खुद दिए गए ब्योरे पर आधारित होगी और यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा।

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