सुनामी का सामना करने की जांच के लिए शुरू हुई मॉकड्रिल
सुनामी का सामना करने की जांच के लिए शुरू हुई मॉकड्रिल
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नई दिल्ली : आमतौर पर समुद्र की तलहटी में जोरदार भूकंप आने, भूस्खलन होने या कभी-कभी ज्वालामुखी फटने के कारण सुनामी आती है. जो तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाती है. भारत के अधिकतर समुद्रतटीय इलाके में सुनामी आने की आशंका हमेशा बनी रहती है. इस तरह की मॉक ड्रिल व्यवस्था को अलर्ट रखती हैं. इसीलिए भारतीय तटीय इलाकों में बुधवार को शुरू हुई सबसे बड़ी सुनामी मॉक ड्रिल के लिए जौरदार तैयारियां की गई हैं और इसके दौरान हिन्द महासागर में सचमुच बेहद बड़ी और 'जानलेवा' सुनामी पैदा की जाएंगी. बता दें कि यूनेस्को द्वारा संयोजित और हिन्द महासागर में की जाने वाली इस मॉक ड्रिल में कुल मिलाकर 23 देश भाग ले रहे हैं.

मिली जानकारी के अनुसार पहली ड्रिल बुधवार सुबह 8:30 बजे शुरू हई, जिसके तहत सुमात्रा के दक्षिण में 9.2 तीव्रता वाला भूकंप पैदा किया जा रहा है. वैसे, इस इलाके में वास्तव में भूकंप आने पर जो सुनामी आएगी, उसकी चपेट में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और चेन्नई समेत भारत का समूचा पूर्वी तट आ जाएगा. भूकंपीय घटना को हैदराबाद स्थित अत्याधुनिक भारतीय सुनामी पूर्व चेतावनी केंद्र में दर्ज किया जाएगा और 10 मिनट के भीतर ही सेंटर पहली चेतावनी जारी कर देगा. चेतावनी जारी होने के बाद लगभग 40 हजार लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं.

गौरतलब है कि वर्ष 2004 में जब इंडोनेशिया में 9.3 तीव्रता वाला भूकंप आने से पैदा हुई एक भयावह सुनामी की वजह से हिन्द महासागर के इलाके में तीन लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई तो इसके बाद भारत ने अपना सुनामी वार्निंग सेंटर वर्ष 2007 में स्थापित किया था, जिसमें 85 करोड़ रुपये की लागत आई थी. यह सेंटर चेतावनी जारी करने के लिए नेटवर्क से जुड़े उपग्रहों तथा गहरे समुद्र में लगाए गए तैरने वाले चिह्नों का इस्तेमाल करता है.

इस बारे में सुनामी वार्निंग सेंटर के निदेशक एससी शेनॉय का कहना है कि वर्ष 2007 से अब तक सुनामी वार्निंग सेंटर ने वास्तविक सुनामी की आठ चेतावनियां जारी की गई जिसमें आज तक कभी कोई गलत चेतावनी जारी नहीं की गई. यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. शेनॉय ने यह भी बताया कि भारत के कलपक्कम, कुडनकुलम और तारापुर स्थित परमाणु संयंत्र, जिन पर सुनामी का असर पड़ सकता है, इस मॉक ड्रिल में भाग नहीं लेगे. 

7.2 तीव्रता के भूकंप से थर्राया न्यूजीलैंड

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