मोबाइल है या बैक्टीरिया का घर
मोबाइल है या बैक्टीरिया का घर
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आज मोबाइल के बिना जिंदगी बिल्कुल अधूरी सी लगती है। अगर यह हमसे एक दिन के लिए भी दूर हो जाए तो ऐसा महसूस होता है की हमारे शरीर का एक हिस्सा हमसे अलग हो गया है और हम पूरी तरह से असहाय हो चुके हैं। एक शोध के मुताबिक, हमारा फोन, टॉयलेट सीट से ज्यादा गंदा होता है।

वाकई में हमारे स्मार्ट फोन में इतने ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं कि इनसे हमारा पूरा परिवार बीमार पड़ सकता है। लेकिन हम इस बारे में कभी भी इतनी गहराई से नहीं सोचते है। लेकिन अगर आप खुद का ख्याल रखना चाहते हैं तो आपको इस ओर ध्यान देना ही होगा और मोबाइल को सैनटाइज करना होगा। अक्सर हम खाना खाने के दौरान या ठीक बाद फोन को पकड़ लेते है और उसे इस्तेमाल करने लग जाते है, जिसकी वजह से फोन में काफी गंदगी चिपक जाती है और उस वजह से बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं।

रेस्टरूम से या जिम से आने के बाद हाथ धुले बिना फोन का इस्तेमाल करना स्वाभाविक है। ऐसे में वहां से हाथों में चिपककर आएं हुए जर्म, फोन पर लग जाते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में फोन का इस्तेमाल करने से काफी बैक्टीरिया फोन में लग जाते हैं और ये काफी घातक होते हैं। बस आदि में बैठकर फोन चलाने पर एक टच में हजार बैक्टीरिया बैठते हैं। पसीना निकलता है जिसे हम हाथों से पोंछ लेते हैं और फिर उन्ही हाथों से फोन को चलाते हैं। इससे स्क्रीन पर बैक्टीरिया फैल जाते हैं। आपके फोन को कई और लोग या बच्चे हाथ लगाते हैं तो उनके हाथों से भी बैक्टीरिया ट्रांसफर हो जाते हैं। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि हाथों में 82 प्रतिशत बैक्टीरिया, मोबाइल फोन की देन होते हैं।

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