क्रूर कानून है पब्लिक सेफ्टी एक्ट, फ़ौरन रिहा किए जाएं उमर और महबूबा- स्टालिन

क्रूर कानून है पब्लिक सेफ्टी एक्ट, फ़ौरन रिहा किए जाएं उमर और महबूबा- स्टालिन
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चेन्नई: जन सुरक्षा कानून (पीएसए) को क्रूर कानून करार देते हुए हुए द्रमुक ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित अन्य कश्मीरी नेताओं की हिरासत अवधि बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. द्रमुक ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.

केंद्र सरकार ने इस सख्त कानून (PSA) के तहत छह फरवरी को दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ केस दर्ज किया. इससे चंद घंटे पहले ही उनकी छह महीने की एहतियातन हिरासत की अवधि समाप्त होने वाली थी. केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी ने इल्जाम लगाया है कि जन सुरक्षा कानून (PSA) क्रूर कानून है. उन्होंने कश्मीरी नेताओं की कस्टडी की अवधि बढ़ाये जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है.

द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे कठोर कानून किसी भी प्रदेश में और किसी भी नेता के खिलाफ लागू किये जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा परिदृश्य देश और केंद्र-राज्य के संबंधों के लिए भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत की अखंडता में विश्वास करने वाले नेताओं को हिरासत में रखना मानवाधिकार और निजी स्वतंत्रता के खिलाफ है और यह संविधान एवं लोकतंत्र में लोगों के भरोसे को धता बताने के समान है.

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