नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने संसद के ऊपरी सदन यानि राज्यसभा में विज्ञापनों में फैलाये जा रहे भ्रम से संबंधित एक अहम बिल पेश किया गया। जिसे राज्यसभा ने पारित कर दिया। इस बिल के मुताबिक,विज्ञापन में फिल्मी कलाकारों द्वारा किए गए दावों पर उत्पाद खरा नहीं उतरता है तो अब उत्पाद बनाने वाली कंपनी के साथ एड करने वाली हस्ती के विरूध्द भी कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। राज्यसभा ने मंगलवार को उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है।
इसके तहत अब उपभोक्ताओं के अधिकार और मजबूत होंगे तथा उनकी शिकायतों के शीघ्र निपटान के लिए तंत्र बनाया जाएगा। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने विधेयक पर बातचीत के दौरान कहा, कहा सरकार उपभोक्ताओं के अधिकारों को मजबूत करने के इरादे से यह बिल लेकर आई है। इस विधेयक के तहत उत्पादों का भ्रामक प्रचार करने वाली फिल्मी कलाकारो पर फाइन समेत जेल भेजने तक की कार्रवाई का प्रावधान होगा। इसके अलावा किसी उत्पाद की गलत शिकायत मिलने पर पूरे बैच की जांच की जाएगी।
साथ ही सामान की गुणवत्ता को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों को प्रभावी ढंग से निपटाने का तंत्र विकसित किया जाएगा। विधेयक के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का गठन किया जाएगा जो उपभोक्ताओं के अधिकारों का संरक्षण करेगा और इनसे जुड़े मामलों के निपटान को देखेगा। इसके अलावा पासवान ने कहा कि विज्ञापनों में एक्शन दृश्य को लेकर भी शीघ्र कानून बनाया जाएगा।
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