हर साल मनाई जाने वाली बुद्ध पूर्णिमा इस साल 26 मई को मनाई जाने वाली है। आप सभी को बता दें कि भगवान बुद्ध को लेकर कई तरह की बातें और कहानियां प्रचलित है। कहा जाता है बुद्ध के जन्म के बाद एक भविष्यवक्ता ने राजा शुद्धोदन से कहा था कि ''यह बालक चक्रवर्ती सम्राट बनेगा, लेकिन यदि वैराग्य भाव उत्पन्न हो गया तो इसे बुद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता और इसकी ख्याति समूचे संसार में अनंतकाल तक कायम रहेगी।'' उस भविष्यकर्ता की बात सच साबित हुई। कहा जाता है राजा शुद्धोदन सिद्धार्थ को चक्रवर्ती सम्राट बनते देखना चाहते थे इस वजह से उन्होंने हमेशा सिद्धार्थ के आस-पास भोग-विलास का भरपूर रखा ताकि किसी भी प्रकार से वैराग्य उत्पन्न न हो। लेकिन एक गलती शुद्धोदन ने कर दी और इसी के चलते सिद्धार्थ के मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया। आज हम आपको बताने जा रहे हैं बुद्ध के 3 चमत्कारों के बारे में।
1. कहा जाता है एक बार बुद्ध को मारने के लिए एक पागल हाथी छोड़ा गया था लेकिन वह हाथी बुद्ध के पास आकर उनके चरणों में बैठ गया था। कहते हैं वह हाथी एक बालक को कुचलने वाला था लेकिन बुद्ध ने उस हाथी को अपने प्रभाव से शांत कर दिया था।
2. कहते हैं अंगुत्तर निकाय में बताया गया है कि एक बार भगवान बुद्ध ने एक नदी पर पैदल चलकर उसे पार किया था।
3. कहते हैं अंगुत्तर निकाय धम्मपद अठ्ठकथा में बताया गया है वैशाली राज्य में तीव्र महामारी फैली हुए थी। मृत्यु ही मृत्यु का अलाम बना हुआ था और लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि इससे कैसे बचा जाए। उस समय हर तरफ केवल मौत ही मौत मौत थी। ऐसे में लिच्छवी राजा भी चिंतित थे और कोई उस नगर में कदम नहीं रखना चाहता था। उस समय दूर दूर तक डर फैला था लेकिन भगवान बुद्ध ने यहां रतन सुत्त का उपदेश दिया जिससे लोगों के रोग दूर हो गए।
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