डॉक्टर्स-नर्स से मारपीट करने पर होगा मुकदमा दर्ज,  दो बड़े बिल  पेश करेगा स्वास्थ्य मंत्रालय
डॉक्टर्स-नर्स से मारपीट करने पर होगा मुकदमा दर्ज, दो बड़े बिल पेश करेगा स्वास्थ्य मंत्रालय
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नई दिल्ली: कुछ समय से चल रहे डॉक्टरों के खिलाफ देश में बढ़ते हिंसा के मामलों को लेकर सरकार इसी शीत सत्र में बिल लाने वाली है.  जिसके तहत डॉक्टर-नर्स से मारपीट होने पर अस्पताल प्रबंधन को कानूनी मुकदमा लड़ना पद सकता. जंहा इसके लिए 10 साल तक के कारावास और दो से 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. पीड़ित कर्मचारी से लिखित शिकायत लेने के बाद अस्पताल की ओर से मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. साथ ही डीसीपी या एसएसपी स्तर के अधिकारी के स्तर पर मामले की जांच की जाएगी. 

मिली जानकारी के अनुसार बीते सोमवार से शुरू हो रहे शीत सत्र में इस बार स्वास्थ्य महकमे की तीन बड़े बिलों पर नजर है. डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के अलावा, ई-सिगरेट और राज्यसभा में लंबित सरोगेसी बिल के पास होने की उम्मीद जताई जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार शीत सत्र में स्वास्थ्य स्वास्थ्य देखभाल सेवा कार्मिक और नैदानिक प्रतिष्ठान (हिंसा एवं संपत्ति क्षति निषेध) 2019 बिल इसी सत्र जारी कर दिए जाएंगे.

देश के चिकित्सकों को भी इस बिल के आने का इंतजार: वही इस बात का भी पता चला है,कि अस्पताल के सभी वर्ग के कर्मचारियों को सुरक्षा देने वाले इस बिल में चिकित्सा कर्मियों को गंभीर चोट पहुंचाने वाले व्यक्ति के लिए तीन से 10 साल के कारावास की सजा और दो से 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. साथ ही अस्पताल या क्लीनिक की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर छह माह से 10 साल के कारावास की सजा और 50 हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. देश के चिकित्सकीय वर्ग को भी इस बिल के आने का इंतजार कर रहे है. 

स्वास्थ्य मंत्रालय को भी है सरोगेसी कानून का इंतजार: सूत्रों के अनुसार हम आपको बता दें कि लंबे समय से अटका सरोगेसी कानून भी इसी शीत सत्र में पास हो सकता है. लोकसभा में पारित होने के बाद ये फिलहाल राज्यसभा में अटका हुआ है. स्वास्थ्य मंत्रालय के भी अधिकारियों का मानना है कि इस बिल को काफी वक्त हो चुका है. अब इसके पास होने की उम्मीद जताई जा रही है. वही इस बिल के पास होने के बाद भारत में कमर्शियल सरोगेसी पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी.

ई-सिगरेट पर भी आएगा बिल: जानकारी के मुताबिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगने के बाद अब इससे जुड़ा बिल शीत सत्र में लाया जा सकता है. ई-हुक्का, ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध इत्यादि इसमें शामिल होंगे. कानून की अवेहलना करने पर बिल में एक साल की सजा और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. बीते दिनों ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगने के बाद बाजार से पुराना स्टॉक नजदीकी थाना पुलिस में जाकर जमा कराने की अवधि भी अब ख़त्म हो चुकी है. 

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