कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच बॉर्डर को सील करना दिल्ली सरकार का अधिकार है, लेकिन दिल्ली के अस्पतालों में बाहरी मरीजों का इलाज न करने के तुगलकी फरमान का क्या मतलब. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि जब हरियाणा ने एनसीआर के जिलो में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण बॉर्डर सील किया था. उस समय केजरीवाल सरकार उपदेश देने का काम कर रही थी.
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अपने बयान में उन्होंने केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि दिल्ली पूरे देश की राजधानी है. वहां पर जितने अस्पताल और स्वास्थ्य संस्थान बनाए गए हैं. उस पर सभी का हक है. केजरीवाल इस तरह की बातें करके पूरे देश को बांटना चाहते हैं. मंत्री विज ने कहा कि हरियाणा में भी आसपास के प्रदेशों से मरीज आते हैं, उनका इलाज किया जाता है. हरियाणा की ओर से बॉर्डर एमएचए की गाइड लाइन के तहत बंद किया गया था. अब जब एमएचए ने नई गाइड लाइन में बॉर्डर खोलने को कहा है तो हरियाणा ने सब कुछ खोल दिया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली सरकार का एक ही मकसद है, केंद सरकार के उलटा चलना. मंत्री विज ने कहा कि हरियाणा से दिल्ली में नौकरी करने वाले लोगों को पास जारी किए जाएंगे और दिल्ली सरकार को एंट्री देनी पड़ेगी. एनसीआर के गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. इन दोनों जिलों में निजी अस्पतालों में 100 बेड रिजर्व किए गए हैं. इसके लिए डिवीजनल कमिश्नर की अगुवाई में एक टीम बनाई गई है, जो निजी अस्पतालों में बेड की व्यवस्था करेगी. यदि दोनों जिलों में स्थिति ठीक नहीं हुई तो फिर आगे निर्णय लिया जाएगा.
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