कोरोना संकट के बीच इजरायल पहुंचे विदेश मंत्री माइक पोंपियो
कोरोना संकट के बीच इजरायल पहुंचे विदेश मंत्री माइक पोंपियो
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यरुशलम: बीते कई दिनों से लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर मासूम लोगों की जान का दुश्मन  बन चुका है, हर दिन इस वायरस के कारण दुनियाभर में हजारों मौते हो रही है. वहीं लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रह है, इतना ही नहीं अब तो कोरोना वायरस ने एक महामारी का रूप भी ले लिया है जिसके बाद से लोगों के घरों में खाने की किल्लत बढ़ती ही जा रही है न जाने इस वायरस के कारण और ऐसी कितनी मासूम जिंदगियां है जो तबाही के कगार पर आ चुकी है. वहीं अब तक दुनियाभर में मौत का आंकड़ा 2 लाख 98  हजार के पार हो चुका है और अभी भी इस वायरस का कोई तोड़ नहीं मिल पाया है.कोरोना वायरस के भय के बीच इजरायल पहुंचे अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने बुधवार को हुई मुलाकात में वेस्ट बैंक के हिस्से पर इजरायल के कब्जे की योजना के बारे में चर्चा की. कब्जा किए गए क्षेत्र में पथराव करने वालों के साथ संघर्ष के दौरान इजरायली सेना ने एक फलस्तीनी किशोर को गोली मार दी.

बुधवार सवेरे पोंपियो तेल अवीव पहुंचे. लाल और सफेद पहनावे में आए अमेरिकी विदेश मंत्री नीले रंग का मास्क पहने हुए थे. वहां से वह सीधे यरुशलम रवाना हो गए. कोरोना वायरस के कारण आने वाले को दो सप्ताह के क्वारंटाइन की अनिवार्य से उन्हें छूट दी गई थी. अमेरिकी विदेश मंत्री जनवरी के बाद इजरायल में कदम रखने वाले सबसे पहले विदेशी अधिकारी हैं. महामारी पर काबू पाने के लिए देश ने अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं.

इजरायल के संक्षिप्त दौरे पर हैं पोंपियो: पोंपियो तनावपूर्ण समय में इजरायल के संक्षिप्त दौरे पर पहुंचे हैं. इजरायली सेना ने एक दिन पहले मारे गए सैनिक के हत्यारे को खोज निकालने के लिए तलाशी ली. वेस्ट बैंक गांव में सेना के छापे के दौरान छत से चट्टान गिरी थी जिसमें सैनिक की मौत हो गई.

फलीस्तीन व्यावहारि स्टेट स्थापित करना चाहता है: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसी साल नवंबर में चुनाव का सामना करेंगे. नेतन्याहू और उनका नेशनलिस्ट आधार वेस्ट बैंक के हिस्से पर कब्जा करने की दिशा में तुरंत कदम बढ़ाने के लिए व्यग्र है. कब्जा को ट्रंप के इजरायल समर्थकों के लिए अपील माना जा सकता है लेकिन दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आलोचना शुरू होगी. यह फलस्तीन की उम्मीदों पर पानी भी फेर देगा. फलस्तीन, इजरायल के साथ स्टेट स्थापित करने की उम्मीद कर रहा है. 1967 के युद्ध में जिस जमीन पर इजरायल ने कब्जा कर लिया वहीं फलस्तीन व्यावहारिक स्टेट स्थापित करना चाहता है.

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