Review : बहुत ही संवेदनशील कहानी है 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर'
Review : बहुत ही संवेदनशील कहानी है 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर'
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दर्शकों को अब सच्चे मुद्दों पर बनी फिल्म ज्यादा पसंद आ रही है. निर्माता भी ऐसी ही फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं जो सच्ची घटनाओं पर होती हैं. ऐसे में साल 2019 में बॉक्स ऑफिस पर एंट्री मारी है “मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर” ने. फिल्म में अहम भूमिकाओं में हैं नेशनल अवॉर्ड विजेता अंजली पाटिल, ओम कनौजिया, अतुल कुलकर्णी और मकरंद देशपांडे. इस फिल्म के लिए सभी काफी समय से इंतज़ार कर रहे थे. आइये जानते हैं इसका पब्लिक रिव्यु.

फिल्म : मेरे प्यार प्राइम मिनिस्टर 
स्टारकास्ट: अंजलि पाटिल, अतुल कुलकर्णी, मकरंद देशपांडे
निर्देशक : राकेश ओमप्रकाश मेहरा
रेटिंग : 3/5

यह फिल्म महज 14 करोड़ रुपय के बजट में बनी इस फिल्म को डायरेक्ट किया है राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने. फिल्म का सब्जेक्ट इतना सेंसिटिव है कि आप इस फिल्म से मोहब्बत करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे. यह फिल्म ‘खुले में शौच करने और उससे होने वाली बीमारियों’ के साथ साथ ‘बलात्कार’ जैसे नाज़ुक सब्जेक्ट पर बनी हुई है. फिल्म में इमोशन्स हैं, ड्रामा है, कॉमेडी है, और साथ ही है एक ऐसा भावपूर्ण और जोशीला बच्चा जो किसी अपने को इन्साफ दिलाने के लिए दिल्ली में सरकार के दरवाज़े पीटने पहुँच जाता है.

कहानी: दरअसल, फिल्म एक 8-साल के लड़के और उसकी माँ के इर्द गिर्द बुनी गयी है. घर में शौचालय न होने की वजह से उसकी माँ को तड़के सवेरे खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. इसी बीच उसके साथ बलात्कार की घटना होती है. अपनी माँ की पीड़ा और तकलीफ से परेशान वो महज 8 साल का बच्चा इन्साफ मांगने के लिए चिट्ठी लिखता है देश के प्रधानमन्त्री को. उस बच्चे को किन किन हालातों का सामना करना पड़ता है या उस लड़ाई के समय कैसे कैसे मोड़ उस बच्चे की ज़िंदगी में आते हैं. इसके बाद देखिये आगे की कहानी फिल्म में. फिल्म में कई ऐसे पहलू हैं जहाँ आप खुद को इमोशनल होता पाएंगे. लेकिन यह एक ज़रूर देखी जाने वाली फिल्म है.

क्यों देखें यह फिल्म: 

‘खुले में शौच’ या ‘बलात्कार’ जैसे सेंसिटिव मुद्दों पर पहले भी फिल्में बनी हैं. लेकिन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने नए प्लॉट में बेहद खूबसूरती है संजीदगी के साथ कुछ नया पेश करने की कोशिश की है. जिसमें वो काफी हद तक सफल भी रहे हैं. आप उस बच्चे को ज़रूर देखना चाहेंगे जो स्लम्स या मलिन बस्तियों में एक शौचालय के लिए अभियान चलाता है.

इसके अलावा यह एक मात्र एशियाई फिल्म है जिसकी स्क्रीनिंग रोम फिल्म फेस्टिवल में भी की गयी थी. इंडिया में फिल्म 15 मार्च 2019 को रिलीज़ हुयी है, लेकिन रोम फिल्म फेस्टिवल में इसकी स्क्रीनिंग 23 अक्टूबर 2018 को हो चुकी थी. वहां भी इसे काफी सराहना मिली थी. फिल्म का म्यूज़िक कम्पोज़ किया है शंकर-एहसान-लॉय ने, और गीतकार हैं गुलज़ार. 

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