7 करोड़ मनोरोगियों के लिए नहीं हैं पर्याप्त डाॅक्टर
7 करोड़ मनोरोगियों के लिए नहीं हैं पर्याप्त डाॅक्टर
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जालंधर। दिल्ली से सटे हरियाणा के पलवल क्षेत्र में एक पूर्व सैनिक ने करीब 2 घंटे में 6 लोगों को मार दिया था। हालांकि घटना के बाद इस व्यक्ति को पकड़ लिया गया था। मगर अब इस मामले में मनोरोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रमोद कुमार ने कहा है कि, इस व्यक्ति को पागलखाने भिजवाने या फिर उसका उपचार करने को लेकर सरकारी तौर पर किसी तरह के प्रयास नहीं किए जाऐंगे तो स्थिति काफी परेशानीभरी हो सकती है।

उनका कहना था कि इस तरह के लोगों को उपचार तो मिल नहीं पाता है और ये सामाजिक उपेक्षा का शिकार हो जाते हैं। जानकारी सामने आई है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो ऐसे लोगों की तादाद लगभग 7 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका इलाज हो सकता है। इस तरह के लोग रेलवे स्टेशन से बस स्टेंड पर घूमते हुए देखे जा सकते हैं।

इन लोगों का उपचार शासकीय चिकित्सालयों व मनोरोग विशेषज्ञों द्वारा हो सकता है हालांकि शासकीय चिकित्सालयों में मनोरोग विशेषज्ञों व शासकीय चिकित्सालयों की खासी कमी है। इन लोगों को उचित उपचार मिलना बेहद मुश्किल है। उन्होने बताया कि, दिमाग सही तरह से काम करना बंद कर देता है।

दरअसल एबनाॅर्मल फंक्सनिंग आॅफ नर्व सैल सर्किट या फिर मेंटल सर्किट न्यूरोट्रांसमिटर सिस्टम में परेशानी आने से मस्तिष्क सही तरह से कार्य नहीं करता। कई बार परिजन उनका उपचार करने के स्थान पर उन्हें घर से निकाल देते है। ऐसे में ये लोग लोगों पर पत्थर बरसाने लगते हैं। उनका कहना था कि मरीज दूसरे लोगों से खतरे का अनुभव करता है।

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