दूसरे धर्म की महिला से शादी करने के कारण चले गई थी नौकरी, अदालत ने मुआवजे के साथ वापिस दिलवाई
दूसरे धर्म की महिला से शादी करने के कारण चले गई थी नौकरी, अदालत ने मुआवजे के साथ वापिस दिलवाई
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शिलॉन्ग: मेघालय में दूसरी जाति की महिला से शादी करने की वजह से अपनी नौकरी खो चुके युवक को प्रदेश के उच्च न्यायलय ने वापस नौकरी पर रखने का आदेश जारी किया है. दरअसल दसूकलांग खरजाना नाम का व्यक्ति किन्शी प्रेसबाइटेरियन अपर प्राइमरी स्कूल में साल 2015 सेर असिस्टेंट टीचर के पद पर काम कर रहा था, लेकिन एक कैथलिक महिला के साथ शादी कर लेने की वजह से उसे इसी साल जुलाई में नौकरी से निकाल दिया गया था.

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खरजाना कई बार ये सवाल पूछने के लिए स्कूल गए कि एक अन्य धर्म की महिला से विवाह करने के कारण उसकी नौकरी कैसे छीनी जा सकती है, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.  इसके के बाद विवश होकर उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया. मेघालय उच्च अदालत के जज एस आर सेन ने खरजाना के हक़ में फैसला सुनाते हुए कहा है कि अंतर्जातीय विवाह करने के आधार पर किसी की नौकरी नहीं छीनी जा सकती. उन्होंने कहा कि स्कूल न सिर्फ खरजाना को वापस नौकरी पर रखे,  बल्कि  उन्हें 50 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर भी दे.

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सेन ने अपने आदेश में कहा कि किसी से विवाह करना दो व्यक्तियों का व्यक्तिगत मामला है. इसका नौकरी से कोई लेना देना नहीं हैं. आपको  बता दें कि ये फैसला सुनाना वाले सेन वहीं जज हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले एक बयान में कहा था कि बंटवारे के वक़्त ही भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए था, उनके इस बयान के चलते वे काफी विवादों में घिर गए थे.

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