#METOO : एक तरफ देवी के रूप में पूजी जा रही है नारी, तो दूसरी ओर यौन उत्पीड़न जारी
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इंदौर. देश में पिछले कुछ दिनों से मीटू अभियान बहुत जोर पकड़ रहा है और देशभर  के विभिन्न इलाकों और तबकों से महिलाएं इस आंदोलन के तहत अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की दर्दनाक घटनाओं को साझा कर रही है. लेकिन कई पुरुष इसे महिलाओं का लाइमलाइट में आने का एक तरीका मानते हुए यह दावे कर रहे है कि इस अभियान के तहत लगाए जाने वाले अधिकतर आरोप झूठे और मनगढ़त है. अगर आज भी ऐसा ही मानते है तो आइये आपको कुछ आकड़ें बताते है जो आपकी सोच को बदल सकते है.

नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (NCRB ) की साल 2016 में आई पिछली रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014  में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों के 3,39 ,457  मामले दर्ज किये गए थे.  महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों के यह मामले मात्र दो सालों में बढ़ कर साल 2016  में 3 ,38,954  हो गए. साल 2016  के बाद से NCRB ने इस तरह की कोई रिपोर्ट पेश नहीं की है लेकिन यह मामले इसी रफ़्तार से बढ़ते जा रहे है. तो इन आकड़ो से यह बात तो साफ़ पता चलती है कि जितनी महिलों ने मीटू अभियान के तहत अपने अनुभव साझा किये है उससे कई गुना जायदा संख्या में महिलाएं ऐसी दर्दनाक अनुभवों से गुजर चुकी है.

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