उत्तराखंड में रैंगिग: सीनियर मेडिकल स्टूडेंट्स का कारनामा, 40 जूनियर्स के उतरवाए कपड़े
उत्तराखंड में रैंगिग: सीनियर मेडिकल स्टूडेंट्स का कारनामा, 40 जूनियर्स के उतरवाए कपड़े
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देहरादून: उत्तराखंड से एक बड़ी खबर आई है। जी दरअसल यहाँ के एक मेडिकल कॉलेज में कड़ाके की ठंड में सात एमबीबीएस छात्रों पर रैंगिग का आरोप लगा है। मिली जानकारी के तहत Medical College Ragging के इस केस में आरोप है कि सीनियर मेडिकल स्टूडेंट्स ने 40 जूनियर्स को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया। सामने आने वाली एक रिपोर्ट के मुताबिक एमबीबीएस 2019-20 बैच के सात छात्रों को कथित तौर पर कुछ दिनों पहले लगभग 40 जूनियर्स की रैगिंग करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। सामने आने वाली एक खबर के मुताबिक उत्तराखंड में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने एमबीबीएस 2019-20 बैच के सात छात्रों को कथित तौर पर कुछ दिनों पहले लगभग 40 जूनियर्स की रैगिंग करने के आरोप में निलंबित कर दिया है।

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इस मामले में यह आरोप है कि पहचान छिपाने के लिए चेहरा ढके सीनियर्स ने 11 नवंबर की रात अपने जूनियर्स को कड़ाके की ठंड में हॉस्टल की छत पर कपड़े उतारने पर मजबूर किया। वहीं इस मामले में पीड़ित छात्रों में से एक के माता-पिता ने अगले दिन कॉलेज प्रशासन से संपर्क किया और उसके बाद बाकी जूनियर भी कॉलेज अधिकारियों के सामने आपबीती सुनाने के लिए बाहर आए। हालाँकि कॉलेज कमेटी के बाद सामने आए निष्कर्षों में जूनियर्स की कंप्लेन और रैगिंग के आरोप वाले तथ्य सही निकले।

इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीएमएस रावत ने कहा, "मामले की विभिन्न स्तरों पर जांच की गई।" हमने 30-40 जूनियर्स को बुलाया और उनके लिखित बयान लिए और फिर उनके बयानों को क्रॉस चेक किया। इसी के साथ रावत ने कहा कि विचाराधीन सात छात्रों के अतीत में भी अनुशासनात्मक मुद्दे रहे हैं। जूनियर्स के साथ उनकी कुछ बातचीत भी जमा की गई है। सभी बिंदुओं को जोड़ने के बाद, समिति अपने निष्कर्षों के साथ सामने आई और सस्पेंशन की कार्रवाई की गई।

आगे उन्होंने कहा, रैगिंग के आरोपी सात छात्रों को अब अगले तीन महीनों के लिए सभी शैक्षणिक सत्रों से रोक दिया जाएगा। इसके अलावा प्रिंसिपल ने कहा कि सभी छात्रों के लिए यह स्पष्ट और सख्त संदेश है। इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। नया बैच अभी शुरू हुआ है और किसी भी जूनियर को परेशान करने वाले सीनियर या किसी दूसरे छात्र को बख्शा नहीं जाएगा। आप सभी को यह भी बता दें कि उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेज "रैगिंग" के मामलों को लेकर हाल ही में कई बार गलत कारणों से सुर्खियों में आ चुके हैं। इसके पहले ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जहां जूनियर छात्रों के सिर मुंडवाए गए हैं।

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